आयुष पर विदेशियों का भी बढ़ रहा है अब विश्वास
देहरादून, 10 नवंबर: आयुष के साइड इफेक्ट न होने के कारण विदेशों में भी अब इस पद्धति को अपनाया जा रहा है। दुनियाभर में आयुष के प्रति विश्वास निरंतर बढ़ रहा है। आयुष के लिये विदेशों में वैलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं जो कि हर्ष का विषय है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह बात आयुष पर आयोजित संगोष्ठी में कही। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे पाए जाते हैं। आयुष के क्षेत्र में अभी भी शोध किए जाने की जरूरत है, तभी वैश्विक स्वास्थ्य की संकल्पना को साकार किया जा सकता है।
रविवार को आरोग्य भारती, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्विद्यालय और राज्य औषधीय पादप बोर्ड ने निरंजनपुर स्थित होटल में संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। ‘लोक स्वास्थ्य परम्परा में हिमालयी क्षेत्र की वनौषधियां’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने विचार रखे।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार भी आयुष को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र में विकास के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के समान ही मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास परियोजना लागू होगी। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड में वनौषधियों की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। देवभूमि को औषधीय भूमि भी कहा जा सकता है। राज्य सरकार प्रदेश में ऐरोमेटिक फार्मिंग को बढ़ावा दे रही है। इस अवसर पर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आरोग्य भारती डॉ रमेश गौतम, आयुर्वेद विवि के कुलपति डॉ सुनील जोशी, रजिस्ट्रार रामजी शरण शर्मा आदि मौजूद थे।
जल्द आयेगी सीमांत क्षेत्र विकास योजना
उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए सीमांत तहसीलों में मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना लागू की जाएगी। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कार्यक्रम में दी। उन्होंने कहा कि उक्त योजना से पहाड़ों और दूरस्थ क्षेत्रों से पलायन रुक सकेगा। साथ ही रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा मिलेगा। योजना से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।