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उत्तराखंड के रमेश धामी ने दो आतंकियों को उतारा था मौत के घाट, मिला सेना मेडल

देहरादून : उत्तराखंड के वीर सपूत रमेश सिंह धामी ने भारत में आतंक फैलाने का मंसूबा पाले दो आतंकियों को मौत की नींद सुला दिया था। मंगलवार को उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया गया। सेना मेडल से सम्मानित सभी भारतीय वीरों ने कश्मीर में आतंकवादियों को धूल चटाकर मौत के घाट उतारा था। सेना मेडल पाने वाले सभी 35 वीरों की यही कहानी है।
राष्ट्रीय राइफल के ऑनररी कैप्टन मौहम्मद याकूब खान ने कश्मीर में साथियों के साथ मिलकर पाचं आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था। मेहार रेजीमेंट के नायाब सूबेदार अनिल थापा ने एक आतंकवादी को मौत के घाट उतारा तो भारत में घुस रहे छह आतंकवादियों को वापस पाकिस्तान खदेड़ दिया। गोर्खा राइफल्स के नीरज कुमार ने कश्मीर में दो आंतकवादियों को मार गिराया था। साथ ही अपने साथियों को आतंकवादियों के हमले ने बचाया। लेफ्टिनेंट कर्नल संदीप कुरुप ने एक आतंकी को ढेर किया तो दो अन्य को मौत के घाट उतारने में मदद की। वहीं, उत्तराखंड के वीर राइफलमैन रमेश सिंह धामी ने कश्मीर के जंगलों में रात के अंधेरे में पराक्रम दिखाते हुये दो आतंकवादियों को मार गिराया था। धामी ने बताया कि 2018 में वह कश्मीर में तैनात थे। उनकी ड्यूटी नियंत्रण रेखा के पास जंगल में थी। रात को लगभग ढाई बजे उनकी टुकड़ी को सूचना मिली कि नियंत्रण रेखा से घुसपैठ कर आतंकी आगे बढ़ रहे हैं। वह सतर्क हो गये। रात का समय और पहाड़ी क्षेत्र परेशानी तो थी। लेकिन, उनकी टुकड़ी आतंकवादियों की ओर चल पड़ी। आतंकियों से मुठभेड़ हुई, जिसमें उन्होंने दो आतंकी ढेर कर दिये। सेना मेडल मिलने पर उन्होंने खुशी जताते हुये कहा कि उन्हें गर्व है कि वह भारतीय सेना का अंग हैं।
कश्मीर के युवा लेंगे प्रेरणा
कश्मीर निवासी और राष्ट्रीय राईफल्स में नायक रईस अहमद लोन की 2018 में कश्मीर के एक गांव में आतंकवादियों से मुठभेड़ हुई। उन्होंने एक आतंकी को मार गिराया। लोन को अदम्य साहस के साथ देश सेवा करने के लिये मंगलवार को सेना मेडल से सम्मानित किया गया। लोन का कहना है कि सेना मेडल मिलने पर उन्हें गर्व महसूस हो रहा है। वह भारतीय सेना के अंग हैं। उनसे प्रेरणा लेकर कश्मीर के युवा सेना में भर्ती होंगे। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि धारा-वारा हटाने-लगाने से हमें कोई मतलब नहीं है। हम भारतीय सेना के अंग हैं और देश की सुरक्षा हमारा काम है। हम सेना की आन, बान, शान और निशान के लिये जान की बाजी लगाकर काम करते हैं।

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