केंद्रीय मंत्री के आयुर्वेदिक कालेज के प्रिंसिपल तीन घंटे रहे हिरासत में
आयुर्वेद कॉलेजों की ओर से ली गई बढ़ी फीस पर वापस न करने पर हाईकोर्ट हुआ सख्त
देहरादून, 2 मार्च : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों द्वारा छात्र-छात्राओं से ली गई बढ़ी फीस वापस न करने पर सख्त रुख अपनाया है। सोमवार को हिमालयन आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज डोईवाला के प्रिंसिपल अनिल कुमार झा को लगभग तीन घंटे हिरासत में रहना पड़ा। कॉलेज के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मंगलवार को कॉलेज के निदेशक व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होंगे। इसके बाद कोर्ट ने प्रिंसिपल को हिरासत से रिहा करने के आदेश दिये। मंगलवार यानी आज को मामले में दोबारा सुनवाई होगी। उक्त कॉलेज केंद्रीय काबीना मंत्री का है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनोद तिवारी ने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने 14 अक्टूबर 2015 को शासनादेश जारी कर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों की फीस 80 हजार रुपये से बढ़ाकर दो लाख 15 लाख रुपये कर दी थी। आयुर्वेदिक कॉलेजों से बीएएमएस कर रहे छात्रों ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट की एकलपीठ ने नौ जुलाई 2018 को उक्त शासनादेश को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ बताते हुए निरस्त कर दिया। साथ ही मेडिकल कॉलेजों को छात्रों से ली गई बढ़ी हुई फीस वापस करने को कहा। एकलपीठ के इस आदेश को आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों की एसोसिएशन ने खंडपीठ में चुनौती दी। खंडपीठ ने चुनौती को खारिज करते हुए एकलपीठ के आदेश को सही ठहराया। लंबे समय बाद भी आयुर्वेदिक कॉलेजों ने बढ़ी फीस वापस नहीं की, इसके खिलाफ कॉलेज के छात्र मनीष कुमार व अन्य ने अवमानना याचिका दायर की। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल अनिल कुमार झा को लगभग तीन घंटे हिरासत में रख लिया। अब कल न्यायालय में कॉलेज के निदेशक व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होंगे। प्रिंसिपल अनिल कुमार झा का कहना है कि उन्होंने कोर्ट को बताया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। अपिलेन्ट ऑथॉरिटी में डिसीजन रिजर्व है, उसके निर्णय आने के बाद ही अगली कार्यवाही अमल में ली जाएगी। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तिथि निर्धारित की है।