बीएएमएस के छात्रों से फीस के नाम पर धोखा, कुलपति-रजिस्ट्रार ने विश्वविद्यालय आना किया बंद
देहरादून, 22 जुलाई: फीस के नाम पर बीएएमएस के छात्रों के साथ धोखा किया जा रहा है। कॉलेजों ने उन्हें 80 हजार रुपया सालाना फीस पर एडमिशन दिया था। लेकिन अब फीस बढ़ाकर ढाई से तीन लाख रुपया कर दी है। इससे छात्रों का पढाई करना मुश्किल हो गया है। ऎसे में आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में बढ़ी हुई फीस के विरोध में छात्र हड़ताल पर हैं। वह पांच दिन पांच रात बैठे हुए हैं। लेकिन, उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। सोववार को तो कुलपति और कुलसचिव विश्वविद्यालय ही नहीं आये। गुस्सयाये आंदोलनरत छात्र-छात्राओं ने फीस पर फैसला न होने पर आंदोलन जारी रखने की घोषणा की है।
दरअसल, आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में बीएएमएस की फीस 80 हजार रुपये प्रतिवर्ष थी। जिसे कॉलेजों ने गत वर्ष बढ़ाकर दो लाख 40 हजार कर दिया है। अन्य मद मिलाकर अब एक वर्ष की फीस लगभग तीन लाख रुपये हो रही है। कॉलेजों ने पुराने छात्रों पर भी फीस लागू कर दी। इससे गुस्साये छात्र लगभग सालभर से आंदोलन कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि बढ़ी हुई फीस नये छात्र-छात्राओं पर लागू होगी। उनका दाखिला फीस बढ़ने से पहले का है। इसलिए वह बढ़ी हुई फीस नहीं देंगे। कॉलेज नहीं माने तो छात्र कोर्ट चले गये। अभी मामला कोर्ट में है। वहीं, नया सत्र शुरू होते ही कॉलेजों ने फीस जमा करने का अल्टीमेटम दे दिया। कहा गया कि जो फीस जमा नहीं करेगा। उसके कक्षा में नहीं बैठने दिया जायेगा। इससे गुस्साये छात्र आयुर्वेदिक विवि में धरने पर बैठे हैं। छात्रों का कहना है कि कुलपति व कुलसचिव फीस को लेकर लगातार गुमराह कर रहे हैं। आश्वासन कुछ दिया जाता है और कॉलेजों को लेटर कुछ और ही दिया जाता है। जिस कारण स्थित और भी जटिल हो गई है। सोमवार को धरने पर अभिषेक तिवारी, अंशु डिमरी, अखिलेश, प्रेरणा गौतम, प्रियंका राणा, गौरव पांडे और होशियार पानू बैठे।