Fri. Nov 22nd, 2024

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा की जीत का एक बड़ा कारण

लखनऊ । विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका तो निभाई ही, लेकिन उनके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी भाजपा की जीत का एक बड़ा कारण साबित हुए। योगी ने हिंदी भाषियों के बीच लगातार जाकर उन्हें भाजपा से जोड़ा। जिन क्षेत्रों में योगी गए, वहां लगभग 60 फीसद सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई है। से पहले यूपी निकाय चुनाव में योगी ने 40 सभाएं की थीं।

मुख्यमंत्री योगी के 33 में से 29 जिलों में गए और 35 विधानसभा क्षेत्रों में सभाएं कीं। यदि चुनाव से पहले की गौरव यात्राओं को जोड़ लें तो यह संख्या 42 हो जाती है। योगी की जिन 35 सीटों पर गए उनमें 19 सीटों पर भाजपा को जीत मिली। योगी 26 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच कई बार गए।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी और नोटबंदी के नाते उन इलाकों में इस बार चुनौतियां भी अधिक थीं। बावजूद इसके सूरत, भावनगर, वलसाड और नवसारी आदि जिलों में नतीजे लगभग एकतरफा भाजपा के पक्ष में रहे। गुजरात की करीब छह करोड़ आबादी में एक करोड़ उत्तर भारतीय हैं। इनमें 60 लाख के करीब वोटर हैं। गुजरात की 182 सीटों में से करीब दो दर्जन पर उत्तर भारतीयों की भूमिका अब निर्णायक होने लगी है।

योगी की अधिकांश सभाएं दक्षिणी गुजरात के उन औद्योगिक इलाकों में थीं जहां उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। इनमें उमरगांव, सूरत, नवसारी, भावनगर, वलसाड और वडोदरा तक का क्षेत्र आता है। उल्लेखनीय है कि में 34 सभाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कीं जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 31 सभाएं की थीं।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी में कुछ सभाएं की, लेकिन उत्तर भारतीयों में योगी का आकर्षण अधिक रहा। उनके बीच न सिर्फ वह खुद गए बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने के लिए कई दूसरे नेताओं को भी भेजा, जो कांटे के मुकाबले वाले क्षेत्रों में जीत का एक बड़ा कारण बना।

इन क्षेत्रों में हासिल हुई जीत: खंभात, दीसा, राजकोट पूर्व, उमरेत, सयाजीगंज, डभोरी, राबपुरा, इडर, भावनगर पूर्व, भावनगर ग्रामीण, भावनगर पश्चिम, चोरयासी, भुज, परदी, गनदेवी, पालटाना, गरियाधर और मांडवी (कच्छ)।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *