चंदन ने बजाई बांसुरी तो झूम उठा मन
देहरादून, 10 नवंबर: बांसुरी वादक चंदन कुमार ने स्पिक मैके के तत्वावधान में रविवार को केन्द्रीय विद्यालय आईएमए में प्रस्तुति दी। उनके बांसुरी वादन ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
चंदन कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि दृढ़ संकल्प से ही संगीत को कॅरियर के रूप में ले सकते हैं। सफल होने के लिए बाजार की बदलती मांग के अनुरूप खुद में भी परिवर्तन करना होगा। चंदन कुमार स्व. मैसूर टी चौरड़िया के पोते हैं। उन्होंने एम गोपालकृष्ण से बांसुरी वादन की कला सीखी। चंदन प्रतिष्ठित ‘दरबार साउथ एशियन म्यूजिक फेस्टिवल’ में पारंपरिक कर्नाटक संगीत प्रस्तुत करने वाले पहले संगीतकार हैं, जिसे बीबीसी ने प्रसारित किया था। उन्हें संगीत अकादमी ने सर्वश्रेष्ठ जूनियर कॉन्सर्ट पुरस्कार, युवा कला भारती, अनन्या युवा पुरस्कार और उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कुमार ने स्पिक मैके के सर्किट के दौरान ओंकारानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, एम्स, केंद्रीय विद्यालय बीएचईएल और केंद्रीय विद्यालय रायवाला में भी प्रस्तुति दी।
उनके साथ मृदंगम पर जीएस रामानुजन रहे।