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जम्मू -काश्मीर, हिमाचल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के साथ क्षेत्रीय पुलिस बैठक हुई आयोजित,सी एम ने किया सम्बोधित

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को पुलिस आॅफिसर्स मैस किशनपुर, देहरादून में पुलिस विभाग द्वारा आयोजित चतुर्थ उत्तर क्षेत्रीय समन्वय समिति की बैठक का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि समन्वय समिति की बैठक में जिन आठ राज्यों के प्रतिनिधि प्रतिभाग कर रहे हैं। उनमें से 05 राज्यों की सीमाएँ अन्तराष्ट्रीय सीमाओं से लगी हैं। उन्होंने कहा कि यह बैठक हमारे लिए महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील है। वैश्वीकरण के वर्तमान दौर में अपराध तेजी से बढ़ रहा है। सूचना तकनीक के त्वरित विकास से दुनिया की हर गतिविधि की जानकारी प्राप्त करना आसान हो गया है। बढ़ते अपराधों की रोकथाम के लिए विभिन्न राज्यों की पुलिस में आपसी समन्वय और तालमेल की जरूरत बढ़ती जा रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस सम्मेलन के माध्यम से अलग-अलग राज्यों से आये पुलिस एवं सतर्कता एवं अभिसूचना विभाग के अधिकारी अपने अनुभवों को आपस में साझा करेंगे। अपराध को नियंत्रित करने के लिए हम एक-दूसरे को किस प्रकार सहयोग एवं आपसी तालमेल कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है इस पर विस्तार से विचार-विमर्श करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों में अनुशासन की जरूरत बढ़ती जा रही है। आन्तरिक बातों के लिए आपसी सामंजस्य एवं संतुलन की भी उन्होंने जरूरत बताई।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पुलिस को विभिन्न समस्याओं का समाधान कुशलतापूर्वक करना होगा। समाजिक विविधता के दृष्टिगत पुलिस को व्यवस्थाओं और मर्यादाओं को कायम रखते हुए कार्य करना होगा। अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं पर भारत सरकार से सामजंस्य एवं अनुमति की जरूरत होती है। इसके लिए हमें समन्वय, बेहतर संवाद एवं सामंज्य स्थापित करने पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि सतर्कता एवं अभिसूचना तंत्र को तकनीकि एवं प्रशिक्षण की दृष्टि से सशक्त होना जरूरी है।
प्रमुख सचिव गृह श्री आनन्द वर्द्धन ने कहा कि उत्तर क्षेत्रीय समन्वय समिति के इस सम्मेलन में पुलिस एवं सुरक्षा से संबधित उच्च अधिकारियों को अपने विचारों और अनुभवों को आदान-प्रदान करने का मौका मिलेगा। वर्तमान परिस्थितियों में विभिन्न मुद्दों और उनके समाधान पर चर्चा होगी और आपसी सामंजस्य भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इंटरनेट, कम्यूनिकेशन एवं सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभावों से साइबर क्राइम बढ़ा है। इन अपराधों को किस तरह नियंत्रित किया जा सकता है, इन विषयों पर अधिकारी अपने अनुभवों को साझा करेंगे।
पुलिस महानिदेशक श्री अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि वैश्वीकरण एवं संचार क्रांति के वर्तमान दौर में राज्यों को अनैक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें अन्तर्राजीय,राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सभी प्रकार की बाहरी एवं आन्तरिक सुरक्षा की समस्याएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चुनौतियों के मुकाबले के लिए राज्यों के संसाधन सीमित हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्यों की पुलिस व्यवस्था को उसी के अनुकूल सक्षम बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए दिन-प्रतिदिन की सूचनाओं के आदान-प्रदान तथा अपराध की चुनौतियों का सामना करने के लिए समन्वित प्रयासों की जरूरत एवं अभिसूचना तंत्र की मजबूती पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अन्र्तराजीय सम्मेलन से समस्याओं के समाधान तथा सुधार की दिशा में दूरगामी परिणाम भी प्राप्त होते हैं।
विशेष पुलिस महानिदेशक बीएसएफ श्री एस0एस0 देशवाल, स्पेशल पुलिस महानिदेशक, जम्मू एवं कश्मीर श्री वी0के0 सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन उत्तर प्रदेश श्री प्रशान्त कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक हरियाणा श्री आलोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था श्री अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, हिमाचल प्रदेश श्री अनुराग गर्ग, अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना एवं सुरक्षा उत्तराखण्ड श्री वी0विनय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन उत्तराखण्ड श्री राम सिंह मीणा, सेनानायक एनडीआरएफ श्री रवि कुमार, संयुक्त निदेशक एनसीआरबी श्री संजय माथुर सहित पंजाब, दिल्ली, चण्डीगढ़, एनएसजी, सीबीआई, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, एनसीआरबी, एनआईए, अभिसूचना के अधिकारी उपस्थित थे।

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