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डॉ नीलम प्रभा वर्मा की मन-मंजूषा का राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने किया लोकार्पण

देहरादून, 24 जुलाई: डॉ नीलमप्रभा वर्मा के काव्य संग्रह ‘मन-मंजूषा’ का विमोचन बुधवार को राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने किया। राजभवन में आयोजित विमोचन कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि काव्य के माध्यम से समाज में आसानी से किसी विचार को पहुंचाया जा सकता है। वर्तमान में राष्ट्रवादी लेखन की जरूरत है। साहित्यकारों की लेखनी राष्ट्रवाद के साथ सामाजिक समस्याओं पर भी चलनी चाहिए। देश समाज की सही स्थिति लेखन के माध्यम से सामने आनी चाहिए।
डॉ नीलम प्रभा वर्मा ने कहा कि काव्य संग्रह ‘मन-मंजूषा’ में 78 रचनाएं हैं। प्राकृतिक सौंदर्य के अतिरिक्त परिस्थितयों, घटनाओं, राजनैतिक, शैक्षणिक परिवर्तनों पर लेखन मेरी निर्माणी कोशिश है। कल्पना की कोमल अभिव्यंजना में अपने अंतरतल को एकरूपता से सहेजा है। साथ ही सामाजिक विसंगतियों के कुछ असहज दृश्य भी उकेरे हैं। कुछ रचनायें सामाजिक-राजनैतिक विसंगतियों से व्यंग्य का पुट लिये हुये हैं। कोमल हास्य के ओत-प्रोत हैं जो जनमानस पर सीधा प्रहार करती हैं। कार्यक्रम में पल्लवी रस्तोगी और डिंपल सानन ने डॉ नीलमप्रभा वर्मा की रचनाओं का पाठ किया। लोकार्पण कार्यक्रम का संचालन कवि वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ” ने किया। इस अवसर पर राजेश्वरी चंदोला, सविता जोशी, हर्षमणि व्यास, जिया नटहौरी, श्याम सिंह श्याम आदि मौजूद थे।

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