ग़ज़ल जीके पिपिल की एक गज़ल… खरीदार तो थे हम लुटा बाज़ार होकर रह गए 2 months ago admin जीके पिपिल देहरादून गज़ल खरीदार तो थे हम लुटा बाज़ार होकर रह गए क़ुदरत के…