मसूरी शिफन कोट के बेघर लोगों का होगा विस्थापन, जमीन का प्रस्ताव पास

-मसूरी नगर पालिका ( nagar palika) ने बेघर हुए लोगों को जमीन देने का प्रस्ताव किया पारित, प्रस्ताव मंजूरी के लिए शासन को भेजा।
-आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) के प्रवक्ता (spokmem) नवीन पिरशाली (navin pirshali) का कहना है कि विस्थापन की लड़ाई के लिये आम आदमी पार्टी मसूरी और शिफन कोट की जनता ने किया था संघर्ष
देहरादून (dehradun)। मसूरी (Mussoorie) के शिफन कोट (shifan kot) से बेघर किये गये 84 परिवारों को विस्थापित किया जाएगा। मसूरी नगर पालिका ( nagar palika) ने बेघर हुए लोगों को जमीन देने का प्रस्ताव पारित किया है। प्रस्ताव मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया है।
आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) के प्रवक्ता (spokmem) नवीन पिरशाली (navin pirshali) का कहना है कि विस्थापन की लड़ाई के लिये आम आदमी पार्टी मसूरी और शिफन कोट की जनता लगातार संघर्षरत थी। धरना-प्रदर्शन (protest) करने पर उनके खिलाफ केस भी दर्ज किये गये। लेकिन, आखिकार मसूरी पालिका अध्यक्ष (palika president and bord) और बोर्ड को ज़मीन (lend) का प्रस्ताव पास करना ही पड़ा।
उन्होंने कहा कि क्या आईडीएच में इतने लोगों को विस्थापित करने के लिये पर्याप्त ज़मीन है, अब यह भी सवाल है। पहले से विस्थापित लोगों के लिए ही अभी 56 फ्लैट बनने बाकी हैं। शिफन कोर्ट के 84 परिवार मिलाकर कुल 150 फ्लैट बनेंगे।
विस्थापन कब तक होगा शासन व पालिका करे सार्वजनिक
आदमी पार्टी मांग करती है कि मसूरी नगर पालिका और शासन सूचना को सार्वजनिक करे कि कितने लोग विस्थापित होंगे, विस्थापन के लिये ज़मीन कहां और कितनी दी गयी है और कब ये फ्लैट बनकर तैयार होंगे। यह साफ होना चाहिए कि शिफन कोट की जनता को स्थायी तौर पर वहां कब विस्थापित किया जायेगा।
पालिका अध्यक्ष और विधायक हवा में कर रहे बात
पिरशाली ने कहा कि मसूरी पालिका अध्यक्ष से लेकर विधायक तक हवा में बातें कर रहे हैं। पालिका अध्यक्ष ने कहा था कि मैं दो दिन के अंदर शिफन कोट के लोगों के अस्थायी विस्थापन का इंतज़ाम कर दूंगा। लेकिन, शिफन कोट की जनता आज भी वैसे ही रहने को मजबूर है। मसूरी विधायक गणेश जोशी कह रहे थे कि जैसे ही पालिका ज़मीन चिन्हित करेगी, उसी समय लोगों के लिये अस्थायी व्यवस्था कर देंगे, लेकिन आज तक विधायक का पता नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन से इस तरह खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए।