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उत्तराखंड में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खुले स्कूल, कोरोना के कारण 6 महीने से थे बंद

-सरकारी व पब्लिक स्कूलों में आज छात्र-छात्रा आए, हालांकि संख्या कम रही। कालेजों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया गया। व्यवस्था बनाने में जुटे रहे कर्मचारी-शिक्षक

देहरादून (Dehradun)। वर्तमान शिक्षा सत्र में सोमवार (आज) को पहली बार उत्तराखंड (Uttarakhand) के माध्यमिक विद्यालय खुले (schools open) हैं। कोरोना महामारी के कारण 6 महीने से स्कूल कॉलेज बंद थे। सरकारी व पब्लिक स्कूलों में छात्र-छात्रा आए, हालांकि संख्या कम रही। वहीं, सरकारी व अशासकीय जहां सभी विद्यालय खुले। लेकिन, अधिकतर पब्लिक स्कूल बंद रहे। कालेजों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। कर्मचारी शिक्षक व्यवस्था बनाने में जुटे रहे।


राजकीय इंटर कॉलेज छरबा के शिक्षक व जूनियर रेडक्रॉस समिति के जिला समन्वयक जितेंद्र सिंह बुटोइया ने बताया कि राजकीय इंटर कॉलेज छरबा सरकार व विभाग की गाइडलाइन के अनुसार खोला गया। छात्र-छात्राओं के पहुंचने से पहले शिक्षक-कर्मचारी विद्यालय पहुंच चुके थे। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए बच्चों का तापमान मापा गया। साबुन से हाथ धुलवाना और सैनिटाइजर का इस्तेमाल व सामाजिक दूरी के लाभ को बताते हुए छात्र-छात्राओं की विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया। सभी छात्र-छात्राओं को स्वच्छता व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया गया। शिक्षकों-कर्मचारियों ने कोरोना महामारी के चलते सावधानी बरती।

विद्यालय में तैनात शिक्षक जितेंद्र सिंह बुटोइया, व्यायाम अतिथि शिक्षक अनुज कुमार और प्रधानाचार्य रामबाबू विमल के नेतृत्व में छात्र छात्राओं कक्षाओं में प्रवेश दिलाया। कक्षाओं में सोशल डिस्टेंस के साथ बैठक व्यवस्था सुनिश्चित करवाई। विद्यालय में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति कम रही। विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं मनमोहन सिंह चौहान, लक्ष्मीकांत मिश्रा, शिवचरण बरौनी, महेश कुमार ओझा, गिरीश चंद गौड़, देवेंद्र दत्त भट्ट, प्रेम प्रकाश शुक्ला, जगदीश सिंह चौहान, मनोज राणा, अनूप कुमार अग्निहोत्री, राजेंद्र कुमार राजपूत, मोहिनी यादव, संगीता खत्री, राजेंद्र सिंह नेगी, शिवप्रसाद खंतवाल, शत्रुघन सिंह नेगी, अंकुश चौहान खजान सिंह, गोपाल सिंह, रघुनाथ आर्य, मंजिला आदि मौजूद रहे।

लक्ष्मण इण्टर कॉलेज सहमति पत्र पर दिया गया छात्रों को प्रवेश

कालेज के प्रधनाचार्य राम लखन गैरोला ने बताया कि सरकार की ओर से जारी SOP के अनुसार अभिवावकों के जारी सहमति पत्र के आधार पर विद्यालय में छात्रों को प्रवेश दिया गया। गेट पर थर्मल स्कैनिंग व हैंडवाश करवाकर कक्षा कक्ष में भेजा गया। छात्रों को दो गज की दूरी पर बैठाकर कक्षाएं संचालित की गईं। प्रत्येक कक्षाकक्ष में प्रवेश व निकास द्वार की व्यवस्था है। पूरे विद्यालय को पहले सेनी टा इज करवाया गया था।

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