पहले से ही धराली में करीब 20 फीट मलबा जमा है। उसने नदी के प्रवाह को बदल दिया है। ऐसे में अब यदि और मलबा आता है तो स्थिति ओर विकराल हो जाएगी।
बता दें कि गत पांच अगस्त को खीरगंगा में आए सैलाब ने धराली को समाप्त कर दिया है। आपदा ने धराली के लोगों की 20 वर्षों की जो कड़ी मेहनत थी, उस पर पानी फेर दिया है।