रिश्तों पर कलंक: इकलौते बेटे ने किया मां-बाप, बहन और नानी का मर्डर
-रोहतक चौहरा हत्याकांड में यह भी खुलासा हुआ कि इकलौता बेटा एक दिन पहले ही मम्मी-पापा, बहन और नानी को मारना चाहता था। लेकिन, उसकी योजना कामयाब नहीं हो पाई।
परिजनों कार्तिक के साथ अभिषेक
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। हरियाणा के रोहतक में रिश्तों को शर्मसार करने वाली घटना हुई है। जहां घर के इकलौते बेटे अभिषेक ने मां-बाप, बहन और नानी की गोली मारकर हत्या कर दी। बात सिर्फ इतनी थी कि परिजनों को अभिषेक की एक युवक कार्तिक से दोस्ती पसंद नहीं थी। परिजनों ने युवक से दोस्ती पर अभिषेक को डांटा था। इसी बात से नाराज़ होकर उसने पूरे परिवार का कत्ल कर दिया। हत्या की बात भी अभिषेक ने कबूल कर ली है।
रोहतक में प्रॉपर्टी डीलर बबलू पहलवान, उसकी पत्नी बबली, बेटी नेहा और बबली की मां रोशनी की गत शुक्रवार को गोली मार हत्या बबलू के ही इकलौते बेटे अभिषेक ने की। बबलू, बबली और रोशनी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। जघन्य हत्याकांड की एकमात्र चश्मदीद गवाह नेहा ने 40 घंटे बाद पीजीआई में आखिरी सांस ली थी। पुलिस ने दंपती के इकलौते बेटे को हत्याकांड के लिए गिरफ्तार किया था।
अपने दोस्त कार्तिक के साथ अभिषेक
घटना के दिन से ही चौहरे हत्याकांड में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। हत्याकांड का आरोपी अभिषेक साइको किलर तो नहीं, यह जानने के लिए शुक्रवार (कल) को पुलिस ने पीजीआई के मनोचिकित्सकों की चार सदस्यीय टीम से उसकी पड़ताल करवाई। करीब डेढ़ घंटे तक टीम ने आरोपी अभिषेक से कई सवाल पूछे। सवाल-जवाब के दौरान अभिषेक ज्यादातर समय सामान्य नजर आया। वहीं, कभी रोने लगता तो कभी खामोश हो जाता था। पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी के बारे में पुलिस को बड़ी बात पता चली है। अब पुलिस इसकी जांच करवाने की तैयारी कर रही है।
हत्याकांड में बड़ा खुलासा यह भी हुआ कि हत्या आरोपी इकलौता बेटा अभिषेक 26 अगस्त को ही परिवार के सदस्यों की हत्या करना चाहता था। लेकिन, उसके पिता बबलू मलिक का परिचित ऐन वक्त पर मिलने आ गया। इससे वह वारदात को अंजाम नहीं दे सका। इसके अगले दिन साढ़े 11 बजे उसने चारों को गोली मार दी। यह बात अभिषेक ने ही पुलिस को बताईं। पुलिस का कहना है कि अभिषेक उर्फ मोनू की ढाई साल से कार्तिक से दोस्ती है। उसके पिता और परिवार के सदस्यों को जब इसकी भनक लगी तो अभिषेक को डांटा और खर्च के लिए रुपये देने बंद कर दिए। इससे नाराज अभिषेक ने पूरे परिवार को सबक सिखाने की ठान ली। उसने अगले दिन एक-एक कर चारों को गोली मार दी।
पहले पुलिस ने अभिषेक से की पूछताछ
27 अगस्त को हत्या की जांच के दौरान पुलिस को जानकारी हो गई थी कि किसी नजदीकी ने ही वारदात को अंजाम दिया है। ऐसे में सबसे पहले पुलिस ने अभिषेक से पूछताछ की। यह सिलसिला 29 अगस्त तक चला। अभिषेक ने बताया कि उसने घर से आने के बाद पापा को 12 बजे कॉल की। लेकिन, रिकार्ड में कोई कॉल नहीं मिली। पुलिस ने बबलू मलिक, नेहा उर्फ तमन्ना व उसकी मां के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई। पता चला कि 27 अगस्त से पहले हर रोज सुबह उठकर बबलू मलिक व नेहा की किसी परिचित या किसी काम के बहाने लंबी बातचीत होती थी। लेकिन, वारदात के दिन साढ़े 11 बजे से 12 बजे के बीच चारों मोबाइल पर एक भी कॉल नहीं हुई।
अभिषेक पुलिस को करता रहा गुमराह
अभिषेक ने पूछताछ के दौरान हत्याकांड में कन्हेली के एक युवक के शामिल होने का इशारा किया। पुलिस ने युवक से पूछताछ की, बबलू के मोबाइल की कॉल डिटेल से पता किया कि बबलू मलिक की कन्हेली के युवक से कब बात हुई। जांच के दौरान साल में एक भी बार बातचीत न होने की जानकारी मिली। इसके बाद गांधी कैंप के कबाड़ी का नाम आया, जिसका भी कोई संपर्क साबित नहीं हो सका।
आखिरकार टूट गया अभिषेक
पुलिस ने घर से लेकर होटल तक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, जहां-जहां से आरोपी गुजरा था। फुटेज का मिलान करवाया गया। वह सीधा होटल गया। वहां से अपने दोस्त के साथ ढाबे पर गया। वहां की फुटेज का मिलान किया। उससे पुलिसिया अंदाज में पूछताछ हुई। तड़के तीन बजे उसने राज खोल दिया।