एम्स ऋषिकेश के डॉक्टर्स को मिली बड़ी सफलता, दिल में छेद का किया सफल आपरेशन
-एम्स ऋषिकेश के डॉक्टर्स की टीम ने 30 वर्षीय युवा के दिल का सफल आपरेशन किया है। युवा के दिल में बचपन से छेद था। अब उसके वाल्व से रिसाव भी होने लगा था, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। डॉक्टर्स ने कठिन आपरेशन कर युवक की नया जीवन दिया।
देहरादून (dehradun)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) (aims) ऋषिकेश के डाक्टरों ने दिल में छेद, आरएसओवी व काॅर्डियक वाॅल्व में रिसाव के कारण सांस लेने में दिक्कत का सामना कर रहे 30 वर्षीय व्यक्ति की सफल सर्जरी (heart surgery) की है। ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। एम्स निदेशक (aims director) पद्मश्री प्रो रविकांत (Pro ravikant) ने जटिल सर्जरी करने वाली टीम की प्रशंसा की है।
चमोली जनपद (district chamoli) के जोशीमठ निवासी 30 वर्षीय व्यक्ति जन्म से दिल में छेद (hole in heart) की समस्या से ग्रसित था। दिल में छेद होने के कारण उसके काॅर्डियक वाॅल्व में रिसाव शुरू हो गया, जिससे उसका हार्ट सही ढंग से काम नहीं कर रहा था। पैदायशी समस्या के कारण उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति की परेशानी भी लगातार बढ़ने लगी थी। जन्मजात दिल में छेद की वजह से उसे सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई होने लगी थी।
थक हारकर मरीज पहुंचा था एम्स
इलाज करवा कर थक चुके मरीज ने एम्स ऋषिकेश की ओर रुख किया। परीक्षण के बाद एम्स के काॅर्डियोलाॅजी विभाग के विशेषज्ञ डाक्टरों ने पाया कि उसके दिल में छेद है और दिल के वाॅल्व से रिसाव हो रहा है। इस छेद के कारण मरीज के दिल की बड़ी धमनी का एक हिस्सा भी फट गया था, जिसे रप्चर्ड साइनस ऑफ वॉलसाल्वा (आरएसओवी) कहते हैं। यह स्थिति मरीज के जीवन के लिए गंभीर स्तर था। सही इलाज न मिलने के चलते सांस लेने में कठिनाई और धड़कन तेज चलने के कारण वह कोई भी काम नहीं कर पा रहा था।
व्यक्ति को मिला नया जीवन
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने दिल का ऑपरेशन कर व्यक्ति को नया जीवन दिया है। उन्होंने बताया कि एम्स में मरीजों को अत्याधुनिक तकनीक से युक्त विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। निदेशक एम्स ने बताया कि हृदय संबंधी विकारों से जुड़े विभिन्न रोगों के समुचित इलाज व प्रबंधन के लिए ऋषिकेश एम्स में काॅर्डियोलॉजिस्ट, काॅर्डियक सर्जन, काॅर्डियक एनेस्थिटिक्स व रेडियोलॉजिस्ट विशेषज्ञों की पूरी टीम उपलब्ध है।
डाॅ अनीश गुप्ता के नेतृत्व में हुआ आपरेशन
एम्स के काॅर्डियक थोरेसिक सर्जन डाॅ अनीश गुप्ता (Dr Anish Gupta) के नेतृत्व में काॅर्डियोथोरेसिक विभाग की टीम ने जटिल हृदय शल्यक्रिया में सफलता हासिल की। डाॅ गुप्ता ने बताया कि ऑपरेशन का सबसे कठिन हिस्सा मरीज के हृदय वाॅल्व की मरम्मत करना था। लिहाजा वाॅल्व की मरम्मत में बेहतद गंभीरता बरती गई।
अटल आयुष्मान योजना के तहत निःशुल्क किया गया आपरेशन
डॉ अनीस गुप्ता ने बताया कि मरीज का ऑपरेशन अटल आयुष्मान योजना के तहत निःशुल्क किया गया है। रोगी को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है और वह पूरी तरह स्वस्थ है। इस सर्जरी को आरएसओवी सर्जरी के नाम से जाना जाता है। जिसमें दिल के वाॅल्व व एन्यूरिज्म के टूटे हुए हिस्से को शल्य क्रिया विधि से ठीक किया जाता है।
टीम वर्क के आधार पर हुआ काम
डाॅ अजय मिश्रा ने बताया कि संपूर्ण उपचार प्रक्रिया काॅर्डियोलॉजिस्ट विशेषज्ञों ने टीम वर्क के आधार पर की। टीम में एंजियोग्राफी, रेडियोलॉजिस्ट, काॅर्डियक एनेस्थेटिस्ट शामिल थे। टीम नियमित तौर से मरीज की मॉनिटरिंग व देखभाल कर रही है।
ओपन हार्ट सर्जरी चुनौतीपूर्ण काम
कॉर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो भानु दुग्गल और डाॅ यश श्रीवास्तव का कहना है कि ऐसे रोगियों के दिल में यदि कोई छेद या वाॅल्व लीक नहीं है, तो एंजियोग्राफी से इस स्थिति को ठीक किया जा सकता है। लेकिन, इस तरह के मामलों में अक्सर ओपन हार्ट सर्जरी ही की जाती है। यह एक असामान्य समस्या है, जो शल्य क्रिया के रूप में चुनौतीपूर्ण कार्य होता है।