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अलविदा जुमा: पैग़म्बर मोहम्मद साहब के पवित्र बाल मुबारक व काबे के गिलाफ़ की ज़ियारत

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। मंगलोर में पैग़म्बर मोहम्मद साहब के दाढ़ी के बाल मुबारक की आज मोहल्ला किला में परम्पगत रूप से ज़ियारत कराई गई। सैकड़ो महिला व पुरुषों ने दर्शन कर देश की खुशहाली और अमन की दुआ मांगी। इसके साथ ही लोगो ने काबे शरीफ के पवित्र गिलाफ़ की ज़ियारत भी की।

पवित्र बाल मुबारक की अनेक वर्षों से ज़ियारत कराने वाले क़ाज़ी सयैद अनवर जमाल काज़मी ने पैग़म्बर मोहम्मद साहब के बाल मुबारक के इतिहास के विषय में बताया कि 400 वर्ष पूर्व दिल्ली के बादशाह बलबन की पोती की शादी उस समय के मंगलोर के रईस व मनसबदार काज़ी हातिम अली से हुई थी, जिनको शादी में तोहफ़े के तौर पर बादशाह ने ये पवित्र बाल मुबारक भेट किया था, जिसकी ज़ियारत तभी से केवल रमज़ान के आख़री जुमे को होती चली आ रही है।

अंतरराष्ट्रीय शायर अफ़ज़ल मंगलोरी ने बताया कि लगातार वे 50 वर्षों से इस बाल मुबारक की ज़ियारत करते चले आ रहे है। उन्होंने बताया कि इस पवित्र बाल की ज़ियारत के लिए पीरान कलियर के कुँए से पानी लाया जाता है, उस पानी को छोटी कटोरी में लेकर पवित्र बाल, जो एक लकड़ी के पोरे में रखा है, पानी में ग़ुस्ल के लिए निकाला जाता है। मंगलोरी ने बताया कि भारत मे कश्मीर सहित अनेक जगहों पर बाल मुबारक की ज़ियारत होती है, नगर वो बाल पैग़म्बर मोहम्मद साहब के सिर के बाल बताये जाते हैं। जबकि, मंगलोर में जिस बाल की ज़ियारत कराई जाती है, वह पैग़म्बर साहब की दाढ़ी का पवित्र बाल है। ज़ियारत के समय देश मे अमन, सलामती और तरक्की की दुआ कराई जाती है।

अलविदा जुमा को ही पूर्व मंत्री स्व. काज़ी मोहिउद्दीन के निवास पर पवित्र काबे के गिलाफ़ की ज़ियारत भी करायी जाती है। काज़ी नूरुद्दीन ने गिलाफ़ की ज़ियारत कराते हुए बताया कि उनके परदादा क़ाज़ी अब्दुल गनी (मंगलोर के बड़े आध्यत्मिक गुरु) को ये गिलाफ़ तोहफे के तौर पर सऊदी से मिला था, जब वो हज पर गए थे।

इस अवसर पर अमजद काज़मी, ज़िला सदस्य अनीस गोड भनेड़ा, अफ़ज़ल मंगलोरी, दरगाह शाह विलायत के सज्जादा नशीन शाह विकार चिश्ती, सलमान फरीदी, अलीम काज़मी, साहब काज़मी, आदिल काज़मी, डा मोहसिन, डा जावेद काज़मी, एमन काज़मी, फहद काज़मी, शारिक चांदना, काज़ी सिराजुद्दीन, सुलेमान काज़मी, कलीम फारूकी, जुनैद काज़मी, निज़ाम अली, मास्टर तनवीर आदि मौजूद रहे।

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