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एसीपी का लाभ न मिलने से एएनएम हुई नाराज, जल्द कार्रवाई की मांग की

देहरादून: उत्तराखंड मातृ-शिशु एवं परिवार कल्याण महिला कर्मचारी संघ का सोमवार को पंचम द्विवार्षिक महाधिवेशन आयोजित किया गया। शासनादेश जारी होने के बाद भी एसीपी (एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) का लाभ न दिए जाने पर महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने नाराजगी जताई। साथ ही अपनी लंबित मांगों पर भी जल्द कार्रवाई की मांग की।

प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने किया। उन्होंने कहा कि एएनएम मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की रीढ़ हैं। उनके योगदान की कोई कीमत नहीं आंकी जा सकती। जिन परिस्थितियों में वह काम कर रही हैं, सरकार उन्हें पूरा सम्मान देगी। राज्य आंदोलन में शिक्षक-कर्मचारियों के योगदान को याद करते उन्होंने कहा कि कई बार कुछ तकनीकी दिक्कतें आती हैं, लेकिन ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका समाधान नहीं है।

कर्मचारियों के हित में सरकार हर कदम उठाने को तैयार है। इस दौरान स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अमिता उप्रेती, अपर निदेशक डॉ. सरोज नैथानी, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रह्लाद सिंह, प्रदेश महामंत्री प्रदीप कोहली, कार्यकारी अध्यक्ष नंद किशोर त्रिपाठी, कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे, ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष शक्ति प्रसाद भट्ट, संगठन की प्रांतीय अध्यक्ष गुड्डी मटूड़ा, प्रांतीय महामंत्री पवन सैनी आदि ने भी विचार व्यक्त किए।

ये रखी मांगें

महिला स्वास्थ्य कर्मियों को 16 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर द्वितीय एसीपी 5400 ग्रेड वेतन व तृतीय एसीपी 6600 ग्रेड वेतन शीघ्र लागू किया जाए।
महिला/पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता की सेवा नियमावली में जन स्वास्थ्य उपचारिका के पदों का उल्लेख करते हुए नियमावली में संशोधन।
महिला स्वास्थ्य कर्मी की सेवा नियमावली में पदोन्नति के लिए छह माह के प्रशिक्षण का उल्लेख है। इसे समाप्त कर अन्य संवर्गों की भांति वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति।
महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के रिक्त पदों पर शीघ्र वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति।
महिला स्वास्थ्य कर्मियों के करीब 800 रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति।
दो मई, 2013 के बाद नियुक्त महिला स्वास्थ्य कर्मियों का ग्रेड वेतन दो हजार से बढ़ाकर 2800 किया जाए।
पुरुष स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के रिक्त पदों पर महिला स्वास्थ्य कर्मियों का समायोजन किया जाए।
महिला स्वास्थ्य कर्मियों का महानिदेशालय में एक पद उप निदेशक का सृजित किया जाए।
महिला स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति ग्राम प्रधान के बजाय स्वास्थ्य पर्यवेक्षक द्वारा सत्यापित कराई जाए।
महिला स्वास्थ्य कर्मियों का कार्य एवं दायित्व स्पष्ट करें।
मातृ शिशु एवं परिवार कल्याण, महिला कर्मचारी संघ के लिए संघ भवन की व्यवस्था।
महिला स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति में कला व विज्ञान वर्ग का भेद न कर, प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति।
जन स्वास्थ्य उपचारिका में तीन वर्षीय जनरल नर्सिंग का प्रशिक्षण है। महिला स्वास्थ्य कर्मियों के दो वर्षीय डिप्लोमा को नर्सिंग सेवा में जोड़ते हुए एक वर्ष का अलग से प्रशिक्षण दिया जाए।

मटूड़ा फिर बनीं अध्यक्ष
गुड्डी मटूड़ा उत्तराखंड मातृ शिशु एवं परिवार कल्याण महिला कर्मचारी संघ की प्रांतीय अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं। उन्होंने प्रतिद्वंद्वी माया भंडारी को 223 मतों के भारी अंतर से शिकस्त दी। मटूड़ा को 230 वोट पड़े। जबकि, माया को केवल सात वोट ही मिले। बाकी पदों पर पदाधिकारी निर्विरोध चुने गए। पवन सैनी प्रांतीय महामंत्री, हेमलता भंडारी मंत्री, पुष्पा सैनी कोषाध्यक्ष व देवकी मर्तोलिया उपाध्यक्ष चुनी गई हैं।

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