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AMTEC को एक करोड़ रुपए दान कर अरविंद मेहता बने उद्योग जगत के लिए प्रेरणा

-मुंबई में इस तरह के किसी टेक्निकल इंटरप्रेन्योर सेंटर के लिए इतनी बड़ी धनराशि दान करने वाले वह पहले उद्यमी हैं अरविंद मेहता

मुंबई (Mumbai)। भारत में स्माल स्केल इंडस्ट्री बड़ी संख्या में है, जिनकी समस्या का एक बड़ा कारण स्किल्ड मैनपॉवर का अभाव है, इससे एक तरफ बेरोजगारी बढ़ रही है। वहीं, गुणवत्तापूर्ण सामान की उत्पादकता भी घट रही है, जिसका खामियाजा उद्योग-धंधे भुगत रहे हैं और फायदा दूसरे देश उठा रहे हैं। भारत सरकार स्किल्ड मैन पावर के लिए चिंतित जरूर है और काम भी कर रही है। लेकिन, इसके लिए तमाम उद्यमियों की संस्था को आगे आए बिना देश का कल्याण होने वाला नहीं है।

ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने इस दिशा में मुंबई के अंधेरी ईस्ट के MIDC नामक स्थान पर अरविंद मेहता टेक्नोलॉजी एंड एंटरप्रेन्योरशिप सेंटर (AMTEC) की शुरूआत कर बड़ी पहल की है। हर साल हजारों स्किल्ड मैन पावर को विकसित करने की क्षमता रखने वाले AMTEC को वेलसेट ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर अरविंद भाई मेहता ने अपनी गाढ़ी कमाई का एक करोड़ रुपया दान देकर मिशाल कायम की है। उन्होंने उद्यमियों प्रेरणा भी है कि वह नई पीढ़ी और देश के लिए कुछ बड़ा करने का भावना रखें।

एक करोड़ की राशि मामूली रकम नहीं होती। देखा जाए तो यहां अरविंद भाई मेहता ने राष्ट्र के नवनिर्माण में भामाशाह का रोल अदा किया है। संभवत: मुंबई में इस तरह के किसी टेक्निकल इंटरप्रेन्योर सेंटर के लिए इतनी बड़ी धनराशि दान करने वाले वह पहले उद्यमी हैं।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सीपेट के डायरेक्टर जनरल एसके नायक ने कहा कि देश के उद्योग-धंधों को सबसे ज्यादा स्किल्ड मैनपावर प्रदान करने वाले संस्थान सीपेट की कमान जिन दिनों उन्होंने संभाली थी, उन दिनों सीपेट घाटे में चल रहा था। सरकार में इस संस्थान को बंद करने की चर्चा शुरू हो चुकी थी। ऐसे विकट दौर में अरविंद भाई मेहता देश के प्लास्टिक उद्यमियों की सबसे बड़ी संस्था प्लास्ट इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष थे।

सीपेट के उस मुश्किल दौर में मैंने अरविंद भाई से मदद माँगी तो वह समूची प्लास्ट इंडिया फाउंडेशन को लेकर पूरी मजबूती से सीपेट के साथ खड़े हुए। आज सीपेट बड़ा नाम है, इससे निकले हुए छात्र देश ही नहीं विदेशों में भी नाम कमा रहे है।

नायक ने कहा कि सीपेट का हर संभव सहयोग AMTEC के साथ होगा। इस अवसर पर विकास व्यक्त करते हुए अरविंद भाई मेहता ने AMTEC के सलाहकार राजू देसाई के प्रयासों की सराहना की। इसी तरह मेहता ने कैलाश मुरारका, अजय देसाई, जगत किल्लावाला के योगदान की प्रसंशा की।

कार्यक्रम में अहमदाबाद से GSPMA के प्रेसीडेन्ट शैलेश पटेल, बैंगलुरू से KSPA के प्रेसीडेन्ट विजय कुमार, हैदराबाद से TAPMA के प्रेसीडेन्ट विमलेश गुप्ता AIPMA के सभी पूर्व प्रेसीडेन्ट व पदाधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन AIPMA के सीनियर वाइस प्रेसीडेन्ट किशोर संपत ने किया।

जानिए कौन हैं अरविंद मेहता ?

जामनगर (गुजरात) के मूल निवासी अरविंद मेहता ने मैट्रिक तक की पढ़ाई म्यामार से की। वतन वापसी के बाद महाराष्ट्र सतारा जनपद के कराड से विज्ञान वर्ग से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद वह व्यवसाय के लिए मुंबई रवाना हो गए। मुंबई में वर्ष 1968 के दरमियान उन्होंने कल्याण में रहते हुए काफी संघर्ष किया। इस बीच उन्होंने एक शिप में काम किया।
अरविंद मेहता के पिता मथुरादास मेहता पुत्र की काबिलियत से परिचित थे। शायद इसीलिए वह हमेशा अरविंद को उद्योग-धंधों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया करते थे। यह पिता की प्रेरणा ही थी, जिसने अरविंद मेहता को प्लास्टिक का दाना बनाने वाली कंपनी वैल्सेट से जोड़ दिया। अरविंद मेहता ने इस कंपनी का सुदृढ़ नेतृत्व करते हुये इसे ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। इसके साथ उन्होंने उद्योग जगत की तमाम संस्थाओं का नेतृत्व करते हुए उन संस्थाओं के माध्यम से भारतीय व्यवसाय जगत का काफी भला किया है। गौरतलब है कि देश के व्यवसाय जगत में स्किल्ड मैन पावर की कमी को देखते हुये आज से एक दशक पहले गुजरात के वापी में प्लास्ट इंडिया यूनिवर्सिटी खोलने का सपना उन्होंने ही देखा था। काफी प्रयास के बाद गुजरात सरकार ने 32 एकड़ जमीन भी उन्हें फी। लेकिन, हासिल की। किन्ही कारणों से उनका वह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है।

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