कोरोना जांच की फीस बढ़ाकर जनता को लूट रही तीरथ सरकार: आर्येन्द्र शर्मा
-उत्तराखंड कांग्रेस उपाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा ने सरकार से मांग की है कि महामारी के इस दौर में जनता का बोझ कम करने के लिए आरटीपीसीआर/कोरोना टेस्ट का खर्चा सरकार वहन करे
शब्द रथ न्यूज (ब्यूरो) shabd rath news। राज्य सरकार की ओर से आरटीपीसीआर जांच का शुल्क बढ़ाने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा ने राज्य की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में सरकार को जनता की आर्थिक सहायता करनी चाहिए थी। लेकिन, सरकार की निगाह जनता की जेब पर है। सरकार पूरी तरह लूट-खसोट में लगी हुई है। शर्मा ने सरकार से मांग की है कि महामारी के इस दौर में जनता का बोझ कम करने के लिए आरटीपीसीआर/कोरोना टेस्ट का खर्चा सरकार वहन करे।
शर्मा ने कहा कि बिजली की दरें बढ़ाने का ज़ख्म भरा नहीं था कि सरकार ने अब कोरोना के लिए आरटीपीसीआर जांच का शुल्क बढ़ाकर साबित कर दिया किया कि महामारी के दौर में भी सरकार को जनता के स्वास्थ्य व उनकी आर्थिक स्थिति की चिंता नहीं है, सरकार किसी भी तरह जनता का खून चूसने पर उतारू है।
शर्मा ने कहा कि कोरोना से प्रदेश की स्थिति चिंताजनक है। प्रवासी अपने घर लौट आये हैं। लॉकडाउन के कारण प्रदेश की जनता की आर्थिक स्थिति चौपट हो गई है। युवाओं के पास रोज़गार नहीं है, ऐसे विकट समय में जनता, सरकार से मदद की उम्मीद लगाती है। लेकिन, उत्तराखंड सरकार ने इससे उलट, आरटीपीसीआर टेस्ट शुल्क में बदलाव करते कर उस पर आर्थिक बोझ डाल दिया। निजी लैब में जांच दर 700 रुपये और घर आकर सैंपल लेने पर जांच दर 900 रुपये कर दिए हैं। अभी तक यह दर क्रमश: 500 रुपये व 600 सौ रुपये थी। जांच रिपोर्ट भी अब चार से पांच दिन में आ रही है।
शर्मा ने कहा कि प्रदेश की गरीब जनता से कोरोना टेस्ट के नाम पर इतना मोटा शुल्क वसूलना सही नहीं है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि गुजरात से दो बड़े नेता आते हैं, उसके बाद भी वहां आरटीपीसीआर टेस्ट की कीमत के नाम पर 800 रुपये वसूले जा रहे हैं। आखिर भाजपा शासित राज्यों में ही आरटीपीसीआर टेस्ट के नाम पर अधिक रुपये क्यों वसूले जा रहे हैं? जबकि राजस्थान जैसे राज्य में सरकार ने जनता के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट की कीमत 350 रुपये रखी है।
सरकार ब्लॉक स्तर पर खोले आरटीपीसीआर टेस्ट लैब
शर्मा ने सरकार से प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक में आरटीपीसीआर टेस्ट लैब खोलने की मांग करते हुए कहा कि ब्लॉक स्तर पर यदि टेस्ट लैब खुलेंगी तो हम अधिक से अधिक टेस्ट कर सकते हैं, इससे प्रदेश के संबंधित युवाओं को रोज़गार का अवसर भी मिलेगा। प्रदेश के कुमाऊं व गढ़वाल विश्विद्यालय के माइक्रो बॉयोलोजी, मौल्युकलर बायोलॉजी व बायो टेक्नोलॉजी के बेरोज़गार छात्र छात्राओं को एक सप्ताह का प्रशिक्षण देने के बाद उनको टेस्ट लैब में दायित्व सौंपा जाए।
महामारी को बना रहे रिबिन काटने व वाहवाही लूटने का अवसर
शर्मा ने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना महामारी को भाजपा नेता रिबिन काटने व कथित वाहवाही लूटने का अवसर बना रहे हैं। जनता को घंटो इंतजार कराकर कोविड टीकाकरण अभियान का भी रिबिन काटा जा रहा है। भाजपा नेता महामारी में भी अपनी फोटो लगवाने में पीछे नहीं हट रहे हैं। भाजपा के सांसद व विधायक जनता के टैक्स से आ रही सांसद व विधायक निधि से पैसा खर्च कर जनता पर उपकार करने जैसी भावना दिखा रहे हैं। भाजपा के नेताओं को चाहिए कि उन्होंने अपने निजी अकॉउंट से जनता के लिए कितनी सहायता की है वो ये भी प्रदेश के लोगों को बताने का कष्ट करें।
आयुष्मान कार्ड को निजी चिकित्सालयों में भी लागू करायें
कोरोना जैसी महामारी के समय में भाजपा के नेता दंभ व अभिमान में न रहें हैं और कोरोना संक्रमित परिवार के मनोबल को न तोड़ें, बल्कि सरकार से आरटीपीसीआर व अन्यों जांचों के शुल्क कम कराएं। कोरोना काल में सरकार आयुष्मान कार्ड को निजी चिकित्सालयों में भी लागू करायें और निजी चिकित्सालयों/लैब में तमाम तरह के टेस्ट की दरों को तय करें, जिससे जनता को राहत मिल सके।