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विधानसभा चुनाव 2022: जीत का ढोल पीटकर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश

-सियासी जानकारों के अनुसार भाजपा और कांग्रेस के बीच अपनी-अपनी जीत की संभावना को लेकर किए जा रहे दावे को उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनाव में यह संदेश देने की मंशा है कि यहां किसके पक्ष में हवा चल रही है। इसके जरिये वहां राजनीतिक फायदा लेने की कोशिशें की जा रही हैं।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने के बाद से भाजपा-कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। दोनों दल ने बेटा क्ष रहे है कि उन्हें प्रचंड मिलने जा रहा है। राजनीतिक जानकार इसे दलों की रणनीति मान रहे हैं। उनका मानना है कि दोनों दल चुनावी राज्यों में जीत का संदेश पहुंचाकर अपने पक्ष में हवा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शनिवार को देहरादून पहुंचे तो उन्होंने फिर दावा किया कि कांग्रेस 40 से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाएगी। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी लगातार दावा कर रहे हैं कि उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार बना रही है। दूसरी तरफ, भाजपा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सरकार के मंत्री भी दावा कर रहे हैं कि उन्हें फिर प्रचंड बहुमत मिलने जा रहा है। इन दावों के पीछे दोनों दलों की रणनीति मानी जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान की वह मुख्यमंत्री बनेंगे या घर बैठ जाएंगे, को भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। हरीश रावत कहते हैं की यदि उनके बयान से विपक्षी खेमे में खलबली मच जाए तो समझो वह सही हैं। मुख्यमंत्री को लेकर दिए बयान के भी यही मायने निकाले गए कि ऐसा कहकर वह संदेश साफ करना चाहते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनना तय है, अब बस मुख्यमंत्री का नाम ही तय होना है।

हालांकि विपक्ष खासतौर पर भाजपा हरीश रावत के बयान का खूब मजाक बना रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व डॉ धन सिंह रावत भी रावत पर तंज कस चुके हैं कि उन्हें जनता घर बैठा देगी। इन्होंने भी प्रचंड बहुमत के साथ राज्य में भाजपा की सरकार बनने का दावा किया।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार दोनों दलों के बीच अपनी-अपनी जीत की संभावना को लेकर किए जा रहे दावे उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनाव में संदेश देने की मंशा से किए जा रहे हैं। यह बताने की कोशिश की जा रही है कि यहां किसके पक्ष में हवा चल रही है। इसके जरिये वहां राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश हैं। भाजपा में भितरघात को लेकर नाराजगी की चर्चाओं पर पार्टी नेतृत्व ने तत्काल रोक लगाई क्योंकि, इसके दूसरे निहितार्थ निकाले जा सकते थे। पंजाब में रविवार को मतदान हो जाएगा। लेकिन, उत्तर-प्रदेश में तीन चरणों के चुनाव के बाद अन्य चरण बाकी हैं, जिनमें भाजपा जीत का संदेश देने की कोशिश करेगी, यही प्रयास कांग्रेस का भी रहेगा।

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