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गौरा देवी के जन्मदिन पर चार विभूतियों को मिला शैल पुत्र सम्मान

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। शैल कला एवं ग्रामीण विकास समिति के तत्वावधान में पर्यावरण संरक्षण की जननी व चिपको आंदोलन की प्रेरणास्रोत गौरा देवी के 96वें जन्मोत्सव पर कार्यक्रम का आयोजन विरासत फॉर्म्स में किया गया। कार्यक्रम में चार विभूतियों को शैल पुत्र सम्मान व 10 विभूतियों को करोना योद्धा सम्मान से सम्मानित किया गया। साथ ही अखिल भारतीय गायन, वादन व नृत्य प्रतियोगिता ‘रुद्राक्ष’ कार्यक्रम एवं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पोस्टर प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल/प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, संस्था की संरक्षिका एडवोकेट सावित्री काला सवि, संस्थापक अध्यक्ष स्वामी एस. चंद्रा, भाजपा नेत्री विनोद उनियाल, अजबपुर खुर्द के पूर्व प्रधान धर्मेंद्र सिंह चंदेल द्वारा दीप प्रज्वलित कर व गौरा देवी के चित्र पर पुष्पअर्पित करते हुए किया गया। संस्था की संरक्षिका सावित्री काला द्वारा अतिथियों का तुलसी के पौधे भेंट कर स्वागत किया।  स्वामी एस. चंद्रा द्वारा सभी का स्वागत सत्कार किया गया, इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

संस्कृति विभाग के सहयोग से सर्वप्रथम लोक गायक सौरभ मैठाणी व साथी कलाकारों ने गढ़ वंदना की, बालिका अगन्या भंडारी ने गणेश वंदना पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। कत्थक नृत्यांगना स्वीटी गुसाईं द्वारा कत्थक की विभिन्न मुद्राओं के साथ प्रस्तुति दी, सम्मानित विभूतियों में पूर्ण चंद भट्ट (वयोवृद्ध 99 वर्षीय तबला वादक), धीरज भंडारी (समाजसेवी), डॉ लालता प्रसाद (से.नि. निदेशक, राज्य महाअभिलेखागार, उत्तराखंड), गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा (आढ़त बाजार देहरादून), को शैलपुत्र सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मानित विभूतियों को तुलसी का पौधा, अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह, गौरा देवी के चित्र सप्रेम भेंट किये गये। कोरोना महामारी में समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विभिन्न संगठनों के स्वयं सेवकों रविंद्र मोहन काला (सचिव, भारत स्काउड एवं गाइड, उत्तराखण्ड), डॉ. मुशीर अंजुम, अशरफ खान, सरदार बलविंदर सिंह, नितिन कुमार, आयुष चंदेल (सभी रेडक्रास), को कोरोना योद्धा सम्मान से सम्मानित किया गया। रुद्राक्ष कार्यक्रम के निर्णायक मंडल मैं मुख्य भूमिका निभाने वाले डॉ. संतोष आशीष (उत्तराखंड प्रभारी गीत नाट्य प्रभाग एवं आरबीओ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार), सुरेंद्र कोहली (संगीतकार), उषा कोटनाला (दूरदर्शन एवं आकाशवाणी कलाकार) को अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, गौरादेवी चित्र भेंटकर सम्मानित किया गया। 99 वर्षीय वयोवृद्ध तबला वादक पूरन चन्द भट्ट ने तबले पर दीपचन्दी, दादरा, तीन ताल की प्रस्तुति दी ज़िसे सुनकर दर्शक गण तालियां बजाने को मजबूर हो गये।

कार्यक्रम में शिवानी रावत ने उप शास्त्रीय संगीत पर आधारित गीत पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। रूबी वैश्य ने ओल्ड इज गोल्ड पुराने गीतों को एक कड़ी में पिरो कर सुंदर नृत्य, आयुष चंदेल व महेन्द्र राणा ने गीत प्रस्तुत किया। रुद्रास कार्यक्रम में गायन की विजेता आयुषी चौहान, आस्था आर्य व महक बिष्ट ने गीत प्रस्तुत किए। पायल आर्य ने गौरा देवी पर एक कविता प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन संस्था के सचिव महेंद्र सिंह राणा ने किया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में अपना सहयोग देने वाले आरसी जुयाल, पूर्वप्रधान धर्मेंद्र सिंह चंदेल, डीपीएस माटा को अंगवस्त्र एवं गौरा देवी का चित्र देकर सम्मानित किया।

स्वामी एस. चंद्रा ने कहा विभिन्न विभूतियों को सम्मान करते हुए स्वयं को सम्मानित होने का अवसर प्राप्त हो रहा है। यह अनुभूति केवल महसूस की जा सकती है, वैसे सम्मानित होने के लिए लंबी सूची है। परंतु, संसाधनों की कमी के कारण सभी को सम्मानित करना असंभव हो जाता है। भविष्य में आर्थिक सहयोग मिलने पर उनको भी सम्मानित करने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्य अतिथि उमेश चंद्र शर्मा काऊ (विधायक) ने अपने संबोधन में गौरादेवी के 96वें जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए गौरा देवी की बताए गए कार्य को अपने जीवन में आंकलन करने की आवश्यकता पर जोर दिया तथा वृक्षों को बचाने संकल्प लेने के लिए आव्हान किया। इस अवसर पर गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के सचिव सेवा सिंह मठारू (प्रतिनिधि के रूप में) को सम्मानित किया गया। साथ ही सरदार गुरुदेव सिंह वार्ने को गौरा देवी चित्र भेंट किया गया।

शैल पुत्र सम्मान से सम्मानित होने वाले धीरज भण्डारी ने संस्था द्वारा किये गये कार्यों की सराहना करते हुए कहा, आज के इस युग में जहां केवल स्वार्थ और सिर्फ अपने लिए सोचा जाता हो वहां स्वामी केवल ओरों के लिए सोचते हैं, ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है। गौरा देवी ने जो उस काल में वृक्षों को बचाने का कदम नहीं उठाया होता तो शायद आज हमारे पहाड़ वृक्ष विहीन हो चुके होते। संस्था का कार्य सराहनीय है। स्वामी चन्द्रा ने कहा हमें बहुत ही दुख: के साथ यह कहना पड़ रहा है कि संस्था द्वारा 2017 से लगातार माँग रही है कि गौरा देवी के नाम पर एक पार्क हो, ज़िसमे गौरा देवी की मूर्ती लगे, ज़िससे आने वाली पीड़ी को पर्यावरण के प्रति उनके योगदान को समझ सके। लेकिन, किसी ने इस और ध्यान नहीं दिया, केवल आस्वासन मिला गांभीरता नही दिखाई। स्वामी ने कहा, सरकार गौरा देवी के नाम से एक पार्क नामित करे और उस पार्क में मूर्ति लगाई जाय तथा उनके जन्मदिन को पर्यावरण संरक्षण दिवस घोषित करें।
कार्यक्रम को सफल बनाने में आनंद स्वरूप, गायत्री भण्डारी, चन्दन सिंह नेगी, आयुष चन्देल, सुनील राणा, अभ्यंश चन्द्रा, पूजा चन्द्रा, देव, अनमोल, नें सहयोग किया।

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