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विचार करें, कहीं आप अज्ञानवश अकारण क्लेशों को तो जन्म नहीं दे रहे हो?

भगवद चिन्तन … धैर्यमय जीवन

जीवन प्रसन्नता और आनन्द से जिया जा सकता है। लेकिन, देखा जाए तो लोग अकारण अपने स्वभाव और व्यवहार से इसे अशांत और क्लेशमय बना रहे हैं। छोटी-छोटी बातें जिनको प्रेमपूर्ण तरीके से सुलझाया जाया सकता है, उन्हें अहम की वजह से लोग और अधिक उलझा देते हैं।

धैर्य का तो लगता है जैसे लोगों में अकाल सा आ गया हो। जबकि, जीवन में धैर्य नाम का सदगुण नहीं है तो पल-पल इंसान का स्वयं तो परेशानी में बीतता है अपितु वह सम्पूर्ण वातावरण को भी परेशान सा कर देता है।

आप स्थिति-परिस्थिति को नहीं बदल सकते हो। लेकिन, अपनी प्रतिक्रिया जरूर बदल सकते हो। आपकी प्रतिक्रिया गीत के रूप में भी हो सकती है और गाली के रूप में भी, यह तो आपके ऊपर ही निर्भर है। विचार करें, कहीं आप भी तो अज्ञानवश अकारण क्लेशों को तो जन्म नहीं दे रहे हो?

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