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क्षमा साहसी लोगों का व वाणी का भी आभूषण

भगवद चिन्तन
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मानवीय गुणों में एक प्रमुख गुण है “क्षमा” और क्षमा जिस भी मनुष्य के अन्दर है वो किसी वीर से कम नही है। तभी तो कहा गया है कि “क्षमा वीरस्य भूषणं और क्षमा वाणीस्य भूषणं”। क्षमा साहसी लोगों का आभूषण है और क्षमा वाणी का भी आभूषण है। यद्यपि किसी को दंडित करना या डाँटना आपके बाहुबल को दर्शाता है।

लेकिन, शास्त्र का वचन है कि बलवान वो नहीं जो किसी को दंड देने की सामर्थ्य रखता हो, अपितु बलवान वो है जो किसी को क्षमा करने की सामर्थ्य रखता हो। यदि आप किसी को क्षमा करने का साहस रखते हैं तो सच मानिये कि आप एक शक्तिशाली सम्पदा के धनी हैं और इसी कारण आप सबके प्रिय बनते हो।

आजकल परिवारों में अशांति और क्लेश का एक प्रमुख कारण यह भी है कि हमारे जीवन से और जुबान से क्षमा नाम का गुण लगभग गायब सा हो गया है। दूसरों को क्षमा करने की आदत डाल लो जीवन की कुछ समस्याओं से बच जाओगे। निश्चित ही यदि आप जीवन में क्षमा करना सीख जाते हैं तो आपके कई झंझटों का स्वत:निदान हो जाता है।

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