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अभिमन्यु तभी मरता है जब कोई सुभद्रा सो जाती है…

भगवद चिन्तन

नवरात्रि के 7वे दिन आज माँ काली की उपासना की जाती है, यह दिन कालरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। जीवन की अज्ञान और तमस भरी काल रात्रि में माँ की ज्ञान रुपी पावन ज्योति सत्मार्ग की ओर प्रेरित करती है।

अम्बे-जगदम्वे से आखिर माँ को काली क्यों बनना पड़ा? समाज पर, राष्ट्र पर, धर्म पर, संस्कृति पर जब घोर अत्याचार होने लगा, राजसत्ता असहाय बन गई। राक्षसी शक्तियाँ हावी हो गई, तब माँ ने परिस्थिति अनुसार स्वयं शस्त्र धारण कर आसुरी शक्तियों का न केवल नाश किया अपितु नारी के भीतर छिपी हुईं शक्तियों से समाज को परिचित कराया।

अन्याय से, अत्याचार से, सामाजिक कुरीतियों से, विषमताओं से लड़ने में नारी शक्ति के जागरण की बहुत बड़ी आवश्यकता है। अभिमन्यु तभी मरता है जब कोई सुभद्रा सो जाती है। एक नए भारत के निर्माण में नारी शक्ति की बड़ी भूमिका है। ममतामय रूप से काली बने माँ के स्वरूप को प्रणाम।

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