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जीवन की बहुत सारी समस्याओं का केवल एक हल… और वो है माफी

भगवद् चिंतन

जीवन की बहुत सारी समस्याओं का केवल एक हल है और वो है माफी। माफ कर दो या माफी माँग लो। किसी को उसकी गलती के लिए माफ कर देना भी एक साहसिक व दैवीय गुण है। हमारे जीवन की बहुत सारी समस्याएं वहाँ से उत्पन्न होती हैं, जब हमारे भीतर यह अहम का भाव आ जाता है कि मैं उसे माफ क्यों करूँ?

हमारी यही अहमता फिर प्रतिद्वंदिता और प्रतिशोध का कारण बनकर रह जाती है। एक और बात किसी महापुरुष ने कहा कि माफ करना तो सरल है। लेकिन, माफी माँगना सरल नहीं है। हमें माफ करना आता है ये अच्छी बात है। मगर, हमें माफी माँगना भी आना चाहिए ये उससे भी अच्छी बात है।

पारिवारिक जीवन में, मैत्री जीवन में या सामाजिक जीवन में संबंधों को मजबूत और मधुर बनाने हेतु किसी भी व्यक्ति के अंदर इन दोनों गुणों में से एक गुण की प्रमुखता अवश्य होनी ही चाहिए।

महाभारत की नींव ही इस सूत्र के आधार पर पड़ी कि किसी के द्वारा माफ नहीं किया गया तो किसी के द्वारा माफी नहीं मांगी गई। हमारा जीवन एक नये महाभारत से बचकर आनंद में व्यतीत हो, इसके लिए आज बस एक ही सूत्र काफी है और वो है माफी। माफ कर दो या माफी माँग लो…

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