जीवन का आनन्द वही लोग उठाते हैं, जिनका सोचने का ढंग सकारात्मक होता है…
भगवद चिन्तन
दुःख में सुख खोज लेना, हानि में लाभ खोज लेना, प्रतिकूलताओं में भी अवसर खोज लेना, इस सबको सकारात्मक दृष्टिकोण कहा जाता है। जीवन का ऐसा कोई बड़े से बड़ा दुःख नहीं, जिससे सुख की परछाईयों को न देखा जा सके। जिन्दगी की ऐसी कोई बाधा नहीं, जिससे कुछ प्रेरणा न ली जा सके।
रास्ते में पड़े हुए पत्थर को आप मार्ग की बाधा भी मान सकते हैं और चाहें तो उस पत्थर को सीढ़ी बनाकर ऊपर भी चढ़ सकते है। जीवन का आनन्द वही लोग उठा पाते हैं, जिनका सोचने का ढंग सकारात्मक होता है।
इस दुनिया में ज्यादा लोग इसलिए दुखी नहीं कि उन्हें किसी चीज की कमीं है, अपितु इसलिए दुखी हैं कि उनके सोचने का ढंग नकारात्मक है। सकारात्मक सोचो, सकारात्मक देखो। इससे आपको अभाव में भी जीने का आनन्द आ जायेगा। जीवन एक महोत्सव है, इसे प्रत्येक पल उत्सव की तरह जीएँ और सुंदर जीवन के लिए प्रभु का आभार व्यक्त करें।