Wed. Dec 17th, 2025

आध्यात्म कायरों व अकर्मण्यों का मार्ग नहीं

भगवद चिन्तन
——————————-

आध्यात्म कायरों और अकर्मण्यों का मार्ग नहीं अपितु कायरता व अकर्मण्यता का त्याग करने वालों का मार्ग है। अधिकांशत: लोगों की दृष्टि में आध्यात्म का मतलब सिर्फ वह मार्ग है जहाँ से कायर लोग अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं।

आध्यात्म का मतलब छोटी जिम्मेदारियों से बचना तो नहीं, लेकिन छोटी-मोटी जिम्मेदारियों का त्यागकर एक बड़ी जिम्मेदारी उठाने का साहस करना जरूर है। सोचो! आध्यात्म यदि कमजोर लोगों का ही मार्ग होता तो फिर बालपन में ही शेर के दाँत गिन लेने की सामर्थ्य रखने वाले आचार्य महावीर और आचार्य बुद्ध जैसे लोग इस पथ से न गुजरे होते।

स्वयं की चिंता को त्यागकर स्वयंभू (शंभू) के चिंतन का नाम ही आध्यात्म है। स्वयं के कष्टों का विस्मरण कर सृष्टि के कष्टों के निवारण की यात्रा ही वास्तविक आध्यात्मिक यात्रा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *