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कश्मीर घाटी में खिला कमल, डीडीसी चुनाव में भाजपा बनी सबसे बड़ी पार्टी

-जम्मू-कश्मीर जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों में भाजपा बड़े फायदे में रही है। वहीं, धारा 370 हटने के बाद पहली बार हुए चुनाव में जनता ने भी बढ़ चढ़कर भागेदारी की। चुनाव जम्मू कश्मीर में वाकई लोकतंत्र स्थापित करने वाले साबित हुए

शब्द रथ न्यूज (shabd rath news): जम्मू-कश्मीर जिला विकास परिषद (DDC) के चुनाव परिणाम घोषित हो चुके हैं। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी (bjp largest party) के रूप में उभरी है। ऐतिहासिक यह हुआ कि कश्मीर घाटी में कमल खिल गया है। जिसे भाजपा बड़ी उपलब्धि मान रही है।

जम्मू-कश्मीर जिला विकास परिषद (डीडीसी) की सीटों के लिए चुनाव हुए थे। इनमें भाजपा ने 75 सीटें जीती है। जबकि, गुपकार गठबंधन (gupkar) जिसमें सात पार्टियां शामिल हैं, ने 112 सीटें जीत ली हैं। बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार जीत कर आए हैं।

भाजपा केंद्र शासित प्रदेश में 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) 67 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही। 49 सीटें जीतकर निर्दलीय तीसरे स्थान पर रहे। जबकि, महबूबा मुफ्ती की पीडीपी 27 सीटें ही जीत पाई। इसके अलावा कांग्रेस ने 26 सीटें जीतकर पांचवें नंबर पर है। दूसरी तरफ, हाल में ही बनी जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी को 12 सीटों पर जीत मिली है, यह भी अहम है।

कोई झंडा उठाने वाला नहीं मिलेगा.. साबित हुआ झूठ

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद कई राजनीतिक दल कहने लगे थे कि घाटी में कोई भारत का झंडा उठाने वाला नहीं बचेगा। विशेषकर महबूबा मुफ्ती मुखर होकर कह रही थी कि कश्मीर में कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं मिलेगा। लेकिन, कश्मीर की जनता ने तिरंगा ही नहीं भाजपा का भगवा झंडा भी उठा लिया। हालांकि, महबूबा जैसे कुछ बयानों के बाद कुछ लोगों ने पहले तो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से ही दूरी का मन बना लिया था, लेकिन जिस तरह से लोगों ने वोट कर लोकतांत्रिक मूल्यों पर भरोसा जताया है, उससे यह स्पष्ट होता है कि लोगों के भीतर लोकतंत्र के लिए गहरी आस्था है।

विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ़

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों में असली जीत लोकतंत्र की हुई है। राज्य में पहली बार हुए डीडीसी के चुनाव में जम्मू-कश्मीर की जनता ने कई मिथक तोड़ दिए हैं। आतंकियों व अलगाववादियों को दरकिनार कर लोगों ने बेखौफ होकर लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत किया। साथ ही पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। कश्मीर घाटी में स्थानीय पार्टियों के गुपकार गठबधंन ने दबदबा बरकरार रखा है, लेकिन, यहां भाजपा का खाता खुलना अहम माना जा रहा है। इस डीडीसी चुनाव से कई राजनीतिक संदेश निकले हैं, जिनमें कश्मीर में विधानसभा चुनाव का रास्ता भी साफ हुआ है।

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