Fri. Nov 22nd, 2024

प्रसव पीड़ा पर गर्भवती को बस से उतारा, सड़क पर बच्चा जना

रुद्रप्रयाग। एंबुलेंस न मिलने पर गढ़वाल मंडल ऑपरेटर्स यूनियन की बस में सवार होकर हायर सेंटर श्रीनगर जा रही महिला को सफर के दौरान प्रसव पीड़ा होने पर रास्ते में उतार दिया गया। उसके पति की कॉल पर आपातकालीन सेवा 108 के पहुंचने से पहले महिला ने सड़क किनारे बच्चे को जन्म दे दिया। कुछ ही देर में नवजात की मौत हो गई। महिला को उपचार के लिए रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। दूसरी तरफ, गोपेश्वर जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि गर्भवती के परिजनों ने एंबुलेंस की मांग नहीं की थी।

मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना चमोली जिले के घाट ब्लाक क्षेत्र की एक विवाहिता के साथ हुई। घुनी गांव निवासी मोहन सिंह की 32 वर्षीय पत्नी नंदी देवी को प्रसव पीड़ा के चलते जिला चिकित्सालय गोपेश्वर लाया गया। अल्ट्रासाउंड व अन्य जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे देर शाम हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया।

डाक्टरों के अनुसार जांच में बच्चे की धड़कन कम होना पाया गया। जिला अस्पताल से एम्बुलेंस न मिलने पर पति उसे लेकर  जीएमओयू की बस से बेस अस्पताल श्रीनगर के लिए रवाना हुआ।

 
इस बीच, रुद्रप्रयाग जिले के नगरासू के निकट नंदी को तेज प्रसव पीड़ा हुई। वह कराहने लगी। आरोप है कि इस पर चालक ने उसे बस से उतार दिया। सवारियों ने भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

जहां पर बस चालक ने गर्भवती को उतारा, वहां से रुद्रप्रयाग शहर की दूरी चार किलोमीटर थी। महिला के पति ने आपातकालीन सेवा 108 को बुलाया, लेकिन जब तक वह आती, महिला को सड़क किनारे ही प्रसव हो गया। उपचार न मिलने से उसकी और बच्चे की तबीयत बिगड़ गई, कुछ देर बाद ही नवजात ने दम तोड़ दिया।

इस बीच जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग से पहुंची एंबुलेंस में महिला को उपचार के लिए लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डीवीएस रावत ने बताया कि महिला की स्थिति सामान्य है।

दूसरी तरफ, चमोली के सीएमएस डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि नंदी देवी के परीक्षण के बाद उसे हायर सेंटर जाने की सलाह दी गई थी। पीड़िता की तरफ से वाहन की मांग नहीं की गई। इसके बाद क्या हुआ इसकी जानकारी नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *