देहरादून: बूढ़ दादी में फास्ट फूड का उत्तराखंडी जायका
-युवा दम्पत्ति कपिल डोभाल व दीपिका डोभाल ने उत्तराखंडी उत्पादों से निर्मित स्ट्रीट फूड श्रृंखला बूढ़ दादी तैयार किया है। इन्हें बनाने में मंडुवा, गहथ, झंगोरा, विभिन्न पहाड़ी चावल, उड़द, राजमा, भट्ट, तोर, रयांस, आलू, भंगजीरा सहित 52 तरह के अन्न का इस्तेमाल किया गया है।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। फास्ट फूड की ओर युवाओं के बढ़ते रुझान को देखते हुए चकबंदी आंदोलन से जुड़े युवा दम्पत्ति कपिल डोभाल व दीपिका डोभाल ने उत्तराखंडी उत्पादों से निर्मित स्ट्रीट फूड श्रृंखला बूढ़ दादी तैयार किया है। मोहकमपुर हरिद्वार रोड स्थित बूढ़ दादी स्ट्रीट फूड जक्शन में इस दिशा में रोजगार की संभावना विषय पर गोष्ठी हुई। गोष्ठी में रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी, सहायक कृषि आधिकारी विनोद कुमार धस्माना, साकेत रावत, उदित घिल्डियाल आदि ने गोष्ठी में कपिल डोभाल व दीपिका डोभाल के प्रयासों को सराहा।
कपिल डोभाल ने बताया कि उन्होंने गढ़वाली व्यंजनों को मोमो, चाउमीन, थुप्पा इत्यादि का तोड़ निकालते हुए शुद्ध ऑर्गेनिक उत्पाद से निर्मित फ़ास्ट फ़ूड तैयार किए हैं। उन्होंने कई लुप्त हो रहे पकवानों को नए तरीके से परोसने कोशिश की है। गढ़वाली व्यंजनों को 21वीं सदी का ट्रेडिशनल हेल्थी स्ट्रीट फूड के रूप में लोगों की च्वॉइस बनाकर पेश किया गया है।
विधायक उमेश शर्मा काऊ इस अनूठे प्रयोग से राज्य के अन्न उत्पादकों में भी इसके उत्पादन के प्रति रुझान बढ़ेगा। क्योंकि यह ठेठ पहाड़ के ऑर्गेनिक उत्पादों से निर्मित पकवान हैं जो आज तक बाजार में पहले कभी नहीं दिखे। सुशीला बलूनी व उदित घिल्डियाल ने कहा कि कपिल व दीपिका के इस प्रयास को प्रमोट करना होगा। क्योंकि ऑर्गेनिक उत्पादों से निर्मित ये पकवान स्वास्थ्य के हिसाब से सभी फास्ट फूडों में अब्बल हैं। इन्हें बनाने में मंडुवा, गहथ, झंगोरा, विभिन्न पहाड़ी चावल, उड़द, राजमा, भट्ट, तोर, रयांस, आलू, भंगजीरा सहित 52 तरह के अन्न का इस्तेमाल किया गया है। इस दौरान रोहित नेगी, रीतू सजवाण आदि मौजूद थे।
बूढ़ दादौ में मिलेंगे यह व्यंजन
बूढ़ी दादी स्ट्रीट फूड जंक्शन में ढुंगला, ढिंढका, गिंवली, जवलि, घीन्जा, सिडकु, बेडु रोटी, सोना आलू, करकरा पैतुड़, द्युडा, बदलपुर की बिरंजी, बडील, ल्याटू, पतुड़ी, टपटपि चा, पिट्ठलू, चर्चरी बर्बरी चटनी, बारहनाजा खाजा, चुनालि, घुमका व मुंगरेडी पारम्परिक नाम वाले उत्पादों को मौलिक अंदाज में तैयार किया गया हैं।