कवि धर्मेंद्र अनियाल ‘धर्मी’ की एक रचना.. तो फिर समझो चुनाव नज़दीक है..
धर्मेंद्र उनियाल धर्मी अल्मोड़ा, उत्तराखंड ————————————————— तो फिर समझो चुनाव नज़दीक है। जब जब जनता…
धर्मेंद्र उनियाल धर्मी अल्मोड़ा, उत्तराखंड ————————————————— तो फिर समझो चुनाव नज़दीक है। जब जब जनता…
जसवीर सिंह ‘हलधर’ देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————- कविता-आहत हिंदुस्तान भारत माता आहत है अब पाकिस्तानी नारों…
नवीन जोशी टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड कुन्नुर बिटि जु घरवाळि अर दगड़्यों संग बौड़ी नि ऐनी,…
आलोक रंजन कैमूर, बिहार ————————————————— भुला रहे हो न कुछ बोलो कुछ तो सच बोलो,…
धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ ——————————————————- लच्छौ, वो सरपंच जी कह रहे थे कल एक और चुनावी…
सुभाष चंद वर्मा विजयपार्क, देहरादून —————————————————————- अस्तित्व रात में फिर, जगमगाना चाहते हैं, आदमी को…
डॉ.शशि जोशी “शशी” ——————————————- किंतु आदमी पहुंच सका न सका उठा धरा से, उड़ा गगन…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड —————————————————- गज़ल हम चाँद होकर भी अपनी चाँदनी को तरसते रहे…
-कुसुम भट्ट उत्तराखंड मूल की लेखिका हैं और देहरादून में रहती हैं। कुसुम भट्ट के…
सुलोचना परमार उत्तरांचली देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————- मेरा वतन सबसे प्यारा सबसे न्यारा है यहाँ मेरा…