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लगी क्लास: केंद्रीय मंत्री के सामने नहीं चली अधिकारियों की आंकड़ेबाजी

-केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के सामने उत्तराखंड में संचालित विभिन्न केंद्र पोषित योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस दौरान कुछ विभागों को मंत्री की शाबाशी मिली, कुछ विभाग अपने ही आंकड़ों में उलझ गए। वह प्रस्तुतीकरण के दौरान बीच-बीच में अधिकारियों को टोकते रहे।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। ग्राम पंचायतों के विकास से जुड़ी योजनाओं के प्रस्तुतीकरण के दौरान अधिकारियों की आंकड़ेबाजी केंद्रीय मंत्री के सामने नहीं चली। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह ने अधूरे होमवर्क के साथ बैठक में पहुंचे अधिकारियों के बताए तथ्यों पर कई बार टोका।

सर्वे ऑफ इंडिया के सभाकक्ष में केंद्रीय मंत्री के सामने उत्तराखंड में संचालित विभिन्न केंद्र पोषित योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस दौरान कुछ विभागों को मंत्री की शाबाशी मिली, कुछ विभाग अपने ही आंकड़ों में उलझ गए। तमाम योजनाओं से संबंधित आंकड़े केंद्रीय मंत्री के टिप्स पर थे। वह प्रस्तुतीकरण के दौरान बीच-बीच में अधिकारियों को टोकते रहे।

इस दौरान पीएमजीएसवाई की सड़कों की खराब स्थिति, मिशन अमृत सरोवर योजना की धीमी प्रगति, दीन दयाल अत्योदय योजना के आंकड़ों में झोल जैसे कई मुद्दों पर मंत्री ने हेडमास्टर की तरह अधिकारियों की क्लास ली। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना के तहत 9727 प्रशिक्षित अभ्यर्थियों में से अभी तक कुल 3189 अभ्यर्थियों को ही रोजगार दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री ने नाराजगी जताई। मंत्री ने अधिकारियों के पंचायतों में न जाने पर पर भी नाराजगी जताई। मंत्री ने कहा, लोगों को केंद्र और राज्यों की योजनाओं का पता ही नहीं चल पाता है। उन्होंने मनरेगा के तहत कुछ नए प्रयोग करने की सलाह भी अधिकारियों को दी।

उत्तराखंड में 846 पंचायतें भवन विहीन

केंद्रीय पंचायत मंत्री ने कहा कि पंचायतघरों के निर्माण के लिए पूरे देश के लिए 590 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इसलिए यह संभव नहीं है हर राज्य को पंचायतघर के निर्माण के लिए केंद्रीय मदद मिले। इसलिए राज्य अपने संसाधनों से इसके लिए धन जुटाएं। बताते चलें कि उत्तराखंड में वर्तमान में 846 पंचायतें भवन विहीन हैं।

समय से काम पूरा होगा, तभी मिल पाएगा पूरा बजट 

पीएमजीएसवाई के कार्यों को पूरा करने की समय सीमा मार्च 2023 तक बढ़ाने और योजना के अधीन व्यय होने वाली धनराशि की समय सीमा को सितंबर 2022 से मार्च 2023 तक बढ़ाने की मांग पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कैबिनेट में पास हुआ फैसला है। इस पर वह अब कुछ नहीं कर सकते। समय से काम पूरा करना होगा, तभी पूरा बजट मिल पाएगा।

पुरस्कारों के नियमों में किया परिवर्तन

पंचायतों को राष्ट्रीय स्तर पर दिए जाने वाले पुरस्कारों के नियमों में परिवर्तन किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब सिफारिश नहीं, केवल तय मानकों पर खरा उतरने वाली पंचायतों को ही पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिए अगल से गाइड लाइन जारी कर दी गई हैं।

केंद्रीय मंत्री ने बैठक के दौरान दिया सुझाव 

केंद्रीय पंचायत मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का बुरांश का जूस दुनिया में पसंद किया जाता है। मंत्री ने बैठक के दौरान सुझाव दिया कि इसके दो सौ एमएल टेट्रा पैक तैयार करके इसे हवाई व रेलवे यात्रियों को भी बेचा जा सकता है। इससे ग्रामीणों की आय बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी।

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