अपडेट, चमोली हादसा: अब तक मिले शवों का आंकड़ा हुआ 55, अभी 154 लापता
-रविवार 7 फरवरी को रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने के बाद हुआ था हादसा। ग्लेशियर के साथ आए मलबे से ऋषि गंगा प्रोजेक्ट तबाह हो गया था। हादसे में 204 लोग हुए थे लापता, उनमें से 55 के शव मिले
देहरादून। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के हादसे में मारे गए लोगों के शवों के मिलने का सिलसिला जारी है। अब तक 55 शव मिले हैं। विद्युत परियोजना की सुरंग में से पांच, ऋषि गंगा जल विद्युत परियोजना स्थल के आसपास छह, रैणी गांव में मलबे में एक और एक शव रुद्रप्रयाग में अलकनंदा किनारे से मिला। आज नौवें दिन भी सुरंग से मलबा हटाने का काम जारी है। वहीं, उत्तराखंड राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने चमोली के आपदा प्रभावित रैणी गांव में पानी के स्तर में वृद्धि का पता लगाने के लिए अलार्म सिस्टम लगा दिया है।
सोमवार को एक शव मैठाणा बगड़ में बरामद किया गया। दोपहर तक तपोवन सुरंग से तीन और मैठाणा से एक शव बरामद हो चुका है। इसके साथ ही कुल मृतकाें की संख्या 55 हाे गई है। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार आपदा के बाद जितने शव मिले हैं, उनमें से 29 शवों की पहचान हुई है। जबकि, 25 की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
सुरंग और रैणी में मिले 11 शवों की पहचान हो चुकी है, इनमें से चार उत्तराखंड, दो गोरखपुर, एक जम्मू-कश्मीर, एक फरीदाबाद, एक रामपुर, एक हिमाचल और एक पंजाब से निवासी था।
हादसे में मारे गए लोग, जिनके शव मिले
आलम सिंह पुत्र सुंदर सिंह, निवासी टिहरी गढ़वाल, अनिल पुत्र भगत सिंह, निवासी कालसी देहरादून, जीतेंद्र कुमार पुत्र देशराज निवासी जम्मू कश्मीर, शेषनाथ पुत्र जयराम निवासी फरीदाबाद, जितेंद्र धनाई पुत्र मातबर सिंह निवासी टिहरी गढवाल, सूरज ठाकुर पुत्र श्रीनिवास रामपुर कुशीनगर, जुगल किशोर पुत्र राम कुमार निवासी पंजाब, राकेश कपूर पुत्र रोहन राम निवासी हिमाचल प्रदेश, हरपाल सिंह पुत्र बलवंत सिंह निवासी चमोली, वेद प्रकाश पुत्र राजेंद्र सिंह, निवासी गोरखपुर, धनुर्धारी पुत्र राम ललित सिंह, निवासी गोरखपुर।