हाई कोर्ट ने चारधाम यात्रा से रोक हटाई, सभी यात्री कार सकेंगे दर्शन
-हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की तय संख्या खत्म,पहले कोर्ट ने केदारनाथ धाम के लिए प्रतिदिन 800, बदरीनाथ धाम के लिए 1000, गंगोत्री के लिए 600, यमुनोत्री के लिए 400 श्रद्धालुओं की ही अनुमति दी थी।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rarh news)। चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अब ज्यादा संख्या में तीार्थयात्री चारधाम यात्रा कर सकेंगे। हाइकोर्ट में आज चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने चारधाम में तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर फैसला सुनाया। गौरतलब है कि कोर्ट ने केदारनाथ धाम के लिए प्रतिदिन 800, बदरीनाथ धाम के लिए 1000, गंगोत्री के लिए 600, यमुनोत्री के लिए 400 श्रद्धालुओं की ही अनुमति दी थी।
यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने को लेकर उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। सोमवार को महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कोर्ट में इस मामले पर जल्द सुनवाई के लिए प्रार्थना की थी।
महाधिवक्ता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की थी। वर्तमान में प्रदेश में कोविड के मामले न के बराबर हैं। इसलिए चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या को बढ़ाया जाए।
यात्रा के लिए 40 दिन का समय
महाधिवक्ता ने कोर्ट में कहा था कि चारधाम यात्रा पूर्ण होने में 40 दिन से कम समय बचा है। इसलिए जितने भी श्रद्धालु वहां आ रहे हैं, उन्हें दर्शन करने की अनुमति दी जाए। जो श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन करने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं वे नहीं आ रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों के सामने रोजी-रोजी का संकट खड़ा हो गया है। सरकार की ओर से कहा गया था कि कोर्ट के पूर्व के दिशा निर्देशों का हर संभव पालन किया जा रहा।
हाईकोट के फैसले के बाद अब चारधाम में ज्यादा तीर्थयात्री आ सकेंगे। यात्रियों को असुविधा न हो इसके लिए अफसरों को निर्देश दिए गए हैं। यात्रियों से अपील है कि यात्रा के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें। सरकार महामारी को रोकने में कोई ढिलाई नहीं बरतेगी। यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट और डबल डोज वैक्सीनेशन जरूरी है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड