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चारधाम यात्रा पर भी महंगाई की मार, किराये में बढ़ोत्तरी का फैसला

-पिछले दो साल से तेल कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी के चलते चारधाम यात्रा कराने वाली ट्रैवल एजेंसी संचालकों के साथ उत्तराखंड परिवहन महासंघ से जुड़ी बसों के संचालकों ने किराये में बढ़ोत्तरी का फैसला लिया है।

पिछले दो साल से तेल कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते चारधाम यात्रा कराने वाली ट्रैवल एजेंसी संचालकों के साथ उत्तराखंड परिवहन महासंघ से जुड़ी बसों के संचालकों ने किराए में बढोतरी का फैसला लिया है। रिजर्व इनोवा जैसी सात सीटर वाहनों से चारधाम यात्रा करने के लिए 50-55 हजार की जगह अब तीर्थयात्रियों को एकमुश्त 60 हजार रुपये देने होंगे।

दून ट्रैवल ऑनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मानेें तो चार सीटर गाड़ियों की बुकिंग के लिए यात्रियों को 32 हजार की जगह अब 38 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे। किराए में बढ़ोतरी के इस फैसले के बाद देश के तमाम राज्यों से चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को पहले की तुलना में और अधिक खर्च करना पड़ेगा।

दून ट्रेवल्स आनर्स  एसोसिएशन के प्रधान योगेश अग्रवाल का कहना है कि साल 2019 के बाद राज्य परिवहन प्राधिकरण की ओर से किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। जबकि, तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, पिछले दो साल के भीतर डीजल की कीमतें 72 प्रति लीटर से बढ़कर 87 प्रति लीटर तक पहुंच गई है, ऐसे में चारधाम यात्रा पर जाने वाली गाड़ियों के किराए में बढ़ोतरी करना मजबूरी बन गया है।

उत्तराखंड परिवहन महासंघ से जुड़ी नौ एसोसिशनों ने भी किराए में बढ़ोतरी का फैसला किया है। उत्तराखंड परिवहन महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर राय का कहना है कि पहले बसों के जरिये चारधाम यात्रा करने पर तीर्थयात्रियोें को प्रति सीट 33 सौ रुपये किराया देना होता था। अब यात्रियों को 3800 रुपये किराया देना होगा। यदि कोई यात्री सिर्फ परिवहन महासंघ की बस से बदरीनाथ धाम की यात्रा करना चाहता है तो उसे 1200 की जगह 1400 रुपये किराया देना होगा। राय का कहना है कि यदि रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते तेल कीमतों में बढ़ोतरी होती है तो चारधाम यात्रा के किराए में और बढ़ोतरी का निर्णय लिया जा सकता है।

निर्धारित से ज्यादा वसूला किराया तो कार्रवाई 

एक ओर दून ट्रैवल्स आनर्स एसोसिएशन और उत्तराखंड परिवहन महासंघ की ओर से चारधाम यात्रा के किराए में बढ़ोतरी का फैसला किया गया है। वहीं, परिवहन विभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि दून ट्रेवल्स आनर्स एसोसिएशन और उत्तराखंड परिवहन महासंघ के पदाधिकारी को चारधाम यात्रा के किराए में बढ़ोतरी का कोई अधिकार नहीं है।

राज्य परिवहन प्राधिकरण की ओर से किराए की जो दरें निर्धारित की गई है। उससे अधिक किराया चारधाम यात्रा के तीर्थयात्रियों से वसूला गया था तो इसकी विधिवत जांच कराई जाएगी, संबंधित गाड़ी संचालक के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। यदि गाड़ी संचालक एसटीए की ओर से निर्धारित दरों से कम किराया ले रहे है तो उन्हें किराया बढ़ाने का अधिकार है। पिछले दो साल से कोरोना संकट व विधानसभा चुनाव के चलते राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक नहीं हो पाई है। ऐसे में किराए में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। जल्द राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक बुलाई जाएगी।विस्तृत चर्चा कर किराए में बढ़ोतरी को लेकर  निर्णय लिया जाएगा।

एसके सिंह, अपर आयुक्त परिवहन

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