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चारधाम यात्रा में स्थानीय लोगों के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता खत्म

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए आने वाले लोगों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है। लेकिन, जो लोग होटल आदि बुक कराकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराए बिना ही यात्रा पर आएंगे, उनका ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जायेगा, उसके बाद ही वह यात्रा करेंगे। वहीं, तीन जनपदों के स्थानीय लोग बिना रजिस्ट्रेशन के चारों धाम की यात्रा कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने यात्रा में स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता को खत्म करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देवभूमि आने वाले सभी श्रद्धालुओं को उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में दर्शन कराए जाएंगे। जिन श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा के लिए होटलों, होमस्टे में बुकिंग करा ली है, उन्हें पंजीकरण की पहले से जरूरत नहीं होगी। मौके पर ही पंजीकरण करने के बाद सरकार दर्शन की व्यवस्था करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्थित, सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए सभी तैयारियां समय पर पूरी की जाएं। देवभूमि आने वाले श्रद्धालु चारधाम यात्रा के साथ राज्य के अन्य प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों पर भी जाएं, इसके लिए राज्य के प्रमुख धार्मिक व पर्यटक स्थलों के बारे में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। पर्यटन, पुलिस व परिवहन विभाग विभिन्न माध्यमों से इसके लिए जागरूकता अभियान चलाएं।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिन कुर्वे, एचसी सेमवाल, गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार, आईजी गढ़वाल केएस नगन्याल, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव सी. रविशंकर, एमडी जीएमवीएन विनोद गिरि गोस्वामी, वर्चुअल माध्यम से डीएम रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित, डीएम चमोली हिमांशु खुराना और उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रूहेला शामिल हुए।

वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा

वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपने यात्रा व्यय का 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करने की अपील की है। धामी ने कहा कि राज्य में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कुछ उत्पादों को व्यापक स्तर पर प्रमोट किया जाए। जीएमवीएन में भी स्थानीय उत्पादों को रखा जाए। राज्य के स्थानीय उत्पादों की जानकारी आमजन तक पहुंचाई जाएं। चारधाम यात्रा मार्गों पर क्रैश बैरियर की समुचित व्यवस्था की जाए। यात्रा मार्गों पर पार्किंग स्थलों पर वाहन चालकों की रहने एवं सोने की समुचित व्यवस्था हो।

देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए पुलिस की ओर से भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था की जाए। श्रद्धालुओं से जो भी आवश्यक जानकारी लेनी है, केवल एक बार राज्य की सीमा पर प्रवेश के दौरान कर लिया जाए। सुनिश्चित किया जाए कि देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। चारधाम यात्रा के लिए जिन-जिन विभागों से कार्मिकों की ड्यूटी लगती है, उन विभागों से जो कार्मिक स्वेच्छा से चारधाम ड्यूटी पर जाना चाहते हैं, उन्हें पहले प्राथमिकता दी जाए। चारधाम यात्रा पर जो भी स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं, उन्हें व्यवस्थित ढंग से लगाया जाए।

चारधाम यात्रा के लिए तैनात होंगे यात्रा मित्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा के लिए यात्रा मित्र के तौर पर कुछ स्थानीय लोगों को रखा जाए। यात्रा मार्गों पर पार्किंग स्थलों में वाहन चालकों के रहने व सोने की व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा पर आने वाले वाहनों की फिटनेस का विशेष ध्यान रखा जाए, इसके लिए अन्य राज्यों से समन्वय किया जाए।

तीन जनपदों के लोगों को यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन में छूट

चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जनपद के लोगों को चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता से छूट मिलेगी। पर्यटन विभाग के सूत्रों के अनुसार चारधाम यात्रा से जुड़े इन तीन जिलों के अलावा राज्य के अन्य जिलों के यात्रियों को चारधाम यात्रा पर आने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

धाम में यात्रियों की संख्या पर भी स्थिति साफ करे सरकार

चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने राज्य सरकार से धामों में प्रतिदिन यात्रियों की सीमित संख्या पर स्थिति साफ करने का अनुरोध किया। महापंचायत के महासचिव डॉ बृजेश सती ने कहा कि हमारी दो मांगें स्थानीय लोगों के पंजीकरण को खत्म करने और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा देने की बात मान ली गई है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताते हैं। लेकिन, सीमित संख्या पर भी स्थिति साफ होनी चाहिए।

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