चारधाम यात्रा: यात्री क्षमता व वीआईपी दर्शन खत्म करने से बना असमंजस
-शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने चारधाम में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को खत्म कर एक समान व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए। संशय बना रहा कि चारधाम में आने वाले वीआईपी भी आम श्रद्धालुओं की तरह लाइन में खड़े होकर दर्शन करेंगे। इस पर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित ने स्पष्ट किया कि दर्शन के लिए वीआईपी प्रोटोकॉल का पालन होगा। लेकिन, हेली सेवा से आने वाले यात्री भी लाइन में लगकर दर्शन करेंगे।
कोविड महामारी के कारण दो साल बाद संचालित हुई चारधाम यात्रा में दर्शन करने के लिए यात्रियों की क्षमता और वीआईपी दर्शन व्यवस्था खत्म करने से असमंजस की स्थिति है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में क्षमता के दो से तीन गुना यात्रियों के पहुंचने से इंतजाम की पोल खुल गई है।
निर्धारित क्षमता के अनुसार यात्रियों को धामों में भेजने की व्यवस्था के बाद दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइनें लग रही हैं। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए शासन ने केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन करने के लिए प्रतिदिन तीर्थयात्रियों की संख्या तय की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री का बयान आया कि चारधाम में यात्रियों की कोई संख्या तय नहीं की गई है। हालांकि, प्रतिदिन के हिसाब से धामों पर तीर्थयात्रियों की संख्या का निर्धारण पहले ही कर दिया गया था। मुख्यमंत्री के बयान के बाद भी आदेश में संशोधन नहीं हुआ। कुछ समय के लिए तीर्थयात्रियों में असमंजस रहा कि वे पूर्व निर्धारित यात्रा पर निकलें या नहीं।
मुख्यमंत्री ने यात्रियों की दिक्कतों को देखते हुए चारों धाम में तय की गई यात्रियों की संख्या को एक-एक हजार बढ़ाने के निर्देश दिए। जिसमें केदारनाथ धाम में 13 हजार, बदरीनाथ धाम में 16 हजार, गंगोत्री में 08 हजार व यमुनोत्री धाम में 05 हजार संख्या निर्धारित की है। इसके बावजूद धामों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने चारधाम में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को खत्म कर एक समान व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए। इससे भी धामों में वीआईपी दर्शन को लेकर असमंजस की स्थिति हुई। संशय बना रहा कि चारधाम में आने वाले वीआईपी भी आम श्रद्धालुओं की तरह लाइन में खड़े होकर दर्शन करेंगे। इस पर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित ने स्पष्ट किया कि दर्शन के लिए वीआईपी प्रोटोकॉल का पालन होगा। लेकिन, हेली सेवा से आने वाले यात्री भी लाइन में लगकर दर्शन करेंगे।