कांग्रेस ने चौबट्टाखाल व टिहरी विधानसभा सीट हरक सिंह रावत व किशोर उपाध्याय के कारण रोकी
-रणनीतिक रूप से उपयोगी साबित होने पर कांग्रेस एक परिवार से दो टिकट के फार्मूले पर पुनर्विचार भी कर सकती है।
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। चौबट्टाखाल व टिहरी विधानसभा सीट पर कांग्रेस कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकती है। मिली जानकारी के अनुसार चौबट्टाखाल सीट पर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। जबकि, टिहरी सीट पर कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के कारण रोकी हुई है। कांग्रेस फिलहाल एक परिवार एक टिकट के फार्मूले पर बढ़ रही है। कुछ समय पहले भाजपा छोड़कर दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व काबीना मंत्री यशपाल व उनके बेटे संजीव आर्य के अलावा किसी दूसरे परिवार को दो टिकट नहीं मिले हैं।
रणनीतिक रूप से उपयोगी साबित होने पर कांग्रेस एक परिवार से दो टिकट के फार्मूले पर पुनर्विचार भी कर सकती है। प्रदेश के नेता शुरू से कह रहे हैं कि यदि किसी व्यक्ति की जनता में स्वीकार्यता है तो उसे एक परिवार एक टिकट के फार्मूले से बाहर रखा जा सकता है। हालांकि, इसको लेकर अंतिम निर्णय हाईकमान को ही करना है। चौबट्टाखाल से भाजपा से काबीना मंत्री सतपाल महाराज मैदान में है।उनके खिलाफ कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा फिलहाल नहीं है।
कांग्रेस की दूसरी लिस्ट कई नए नेताओं के लिए सुकून बनकर आई तो कुछ नेताओं के लिए परेशानी। सबसे बड़ा झटका पूर्व काबीना मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल को लगा है। दुर्गापाल वर्ष 2012-17 की कांग्रेस सरकार के सहयोगी पीडीएफ के प्रमुख सदस्य थे। वर्ष 2012 का चुनाव भी दुर्गापाल ने टिकट न मिलने पर कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय लड़ा था। वर्ष 2017 में चुनाव हारने के बावजूद दुर्गापाल को इस बार भी टिकट की उम्मीद थी। पिछले काफी दिनों से वह सक्रिय भी थे। इसी सीट पर हरेंद्र बोरा भी टिकट की दौड़ में थे। निर्दलीय के रूप में मजबूत प्रदर्शन कर रहे बोरा को प्रीतम सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ज्वाइन कराया था। इसी तरह कालाढुंगी सीट पर महेश शर्मा भी प्रीतम के कार्यकाल में कांग्रेस में शामिल हुए। निर्दलीय के रूप में अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे बोरा व शर्मा इस बार भी अधिकृत टिकट से महरूम रह गए। गढ़वाल मंडल में ऋषिकेश सीट पर जयेंद्र रमोला को टिकट मिलने से पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण के समर्थक नाराज हैं। पूर्व में बगावत कर चुनाव लड़े शूरवीर भी कुछ समय पहले ही कांग्रेस में वापस आए थे।
नरेंद्रनगर
पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत नरेंद्रनगर सीट से भारतीय जनता पार्टी से टिकट के दावेदार थे। भाजपा से टिकट न मिलने पर ओमगोपाल बगावत का ऐलान कर चुके हैं। उनकी कांग्रेस से भी बात चल रही है।
हरिद्वार ग्रामीण
इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा दावेदार हैं। लेकिन, एक परिवार एक टिकट के कारण इस सीट पर फैसला रुका हुआ है। यदि हाईकमान अपने फार्मूले में रियायत देता है तो अनुपमा को टिकट मिलने की उम्मीद है।
रुड़की
रुड़की विधानसभा सीट को लेकर हरीश रावत व प्रीतम सिंह कैंप आमने सामने हैं। रावत कैंप रुड़की से मनोहर लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाने के पक्ष हैं। जबकि, प्रीतम कैंप यशपाल राणा को प्रत्याशी बनाना चाहते हैं।