काव्य साहित्य चुनावी चटकारा … वरिष्ठ कवि जीके पिपिल February 20, 2022 newsadmin जीके पिपिल देहरादून। —————————————————————————————————————————————– कहीं कीचड़ उछल रही है कहीं गड़े मुर्दे उखड़ रहे हैं कहीं गठबंधन बन गए कहीं पुराने रिश्ते बिगड़ रहे हैं क्या मालूम किस करवट बैठेगा ऊँट अब दस मार्च को सुना है कि कुर्सी हथियाने को नए हाथ पकड़ रहे हैं।। Tags: चुनावी चटकारा, वरिष्ठ कवि जीके पिपिल Continue Reading Previous देश के मशहूर कवि/शाइर चेतन आनंद की एक ग़ज़ल … वो मेरे घर तक आकर लौट गयाNext देश के मशहूर कवि/शाइर चेतन आनंद की एक ग़ज़ल … आश्वासन देंगे राहत ऐ पसीने मुस्कुरा More Stories national उत्तराखण्ड साहित्य पूरन चंद जी आप हमेशा याद आयेंगे … November 25, 2024 admin national उत्तराखण्ड साहित्य हिंदी प्रेमी स्व. पूरन चंद जी को कवि जीके पिपिल की काव्यमयी श्रद्धांजलि November 25, 2024 admin News Update साहित्य प्रेमलता सजवाण के कहानी संग्रह “नन्हें कलमकार” का हुआ लोकार्पण November 25, 2024 admin Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ