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मोदी सरकार के क्रोनी कैपिटलिज्म के खिलाफ मुखर रहेगी कांग्रेस: डॉ गोगी

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महानगर अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी के नेतृत्व में चकराता रोड कनॉट प्लेस स्थित एलआईसी कार्यालय पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। गोगी ने कहा कि राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व कर आदेश पर पूरे देश में सार्वजनिक उपक्रमों के कार्यालयों के सामने प्रदर्शन किया जा रहा है।

डॉ जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि अडानी की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से मोदी सरकार का क्रोनी कैपिटलिज्म दुनिया के सामने आ गया है। हिंडनबर्ग एक प्रतिष्ठित फॉरेंसिक फाइनेंसियल रिसर्च कंपनी है। हिंडनबर्ग के अनुसार अडानी ने कई वर्षों से स्टॉक मैनिपुलेशन, शेल कम्पनियों बनाकर, एकाउंट फ्रॉड और दुनिया के अलग अलग टैक्स हेवेन्स का अवैधानिक प्रयोग करके अपनी संपत्ति में भारी वृद्धि की है। अब इस सच्चाई के सामने आने के बाद अडानी कम्पनी के शेयर में भारी गिरावट हो चुकी है और देश के आम निवेशक को भारी नुकसान हुआ है। बात इतनी ही होती तो भी इसे सामान्य नियामकीय चूक माना जा सकता था। लेकिन, मोदी का अडानी से गहन मित्रता, अडानी को भारी पक्षपात करके सरकारी ठेकों को सौंपना, मोदी सरकार में अडानी का एकदम से विश्व का 609वें धनाढ्य व्यक्ति से दूसरा धनाढ्य व्यक्ति बनना स्पष्ट संकेत है कि ये सरकार अडानी प्रकरण के लिए पूरी तरह से उत्तरदायी है। अडानी की संपत्तियों में ये भारी वृद्धि तब हई है, जब इस सरकार के कार्यकाल में अधिकांश यानी दो तिहाई छोटे और मझौले उद्योग घाटे में हैं।

डॉ गोगी ने कहा कि शर्मनाक बात यह भी है कि मोदी अडानी के पक्षपोषक भारत ही नहीं विदेशों में भी बने हुए हैं। श्रीलंका की संसद में वहाँ के इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के अध्यक्ष का आरोप इसका साफ प्रमाण है कि मोदी अडानी को वहां अपनी सिफारिश से ठेका दिलाना चाह रहे थे। अब आगे समस्या यह है कि सरकार एलआईसी व एसबीआई जैसी बड़ी कंपनियों पर दबाव बनाकर अडानी की कंपनियों में निवेश कराना चाह रही है। जबकि, पहले ही इन सार्वजनिक उपक्रमों का बहुत सारा निवेश वहां था और वो पैसा डूबने की कगार पर है। इस तरह एलआईसी, सीबीआई का पैसा जो देश का पैसा है और आम निवेशक का पैसा है, उसका प्रयोग कर मित्र की कंपनी को बचाया जा रहा है।

कांग्रेसियों ने उत्तराखंड सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की और आरोप लगाया कि उत्तराखंड की सरकार भी केंद्र की भाजपा सरकार के नक्शे कदम पर चलते हुए मैकेंजी नामक फर्म को हायर कर चुकी है और उसकी सलाह पर राज्य सरकार के स्वामित्व वाली जमीनों और परिसंपत्तियों को बेचने की तैयारी है। देश और राज्यों में कांग्रेस की सरकारों ने बड़ी मेहनत से देश के सार्वजनिक उपक्रमों का ढांचा तैयार किया है जो अच्छी बुरी आर्थिक स्थितियों में देश की अर्थव्यवस्था की मजबूत रीढ़ की तरह रहा है, अब इनकी संपत्तियों को दांव पर लगा कर अपनी बैलेंस शीट की कमियों और आर्थिक नीतियों की असफलता को छुपाने का कार्य किया जा रहा है। इसी के खिलाफ आज कांग्रेस कार्यकर्ता सार्वजनिक उपक्रमों के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मौके पर मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों व उनमें लगा जनता का पैसा बर्बाद नहीं होने देंगे। कांग्रेस कार्यकर्ता इन प्रकरणों पर चुप नहीं बैठेंगे और आगे भी प्रदर्शन जारी रहेंगे।

इस मौके पर मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन सिंह रावत, प्रदेश महासचिव उपेंद्र थाली, प्रदेश महासचिव मनीष कुमार नागपाल, मुकील अहमद, सज्जाद अंसारी, सुमित्रा ध्यानी, पिया थापा, सूरज छेत्री, अर्जुन सोनकर , फारुक, सोनू रावत, डॉ अरुण रतूड़ी, राजेश चमोली, अनिल नेगी, मोहन काला, सुलेमान, ललित बद्री,आदर्श सूद, लकी राणा, मनीष वर्मा, अरुण बलोनी, सरदार देवेंद्र सिंह, आरुषि सुंदरियाल, वीरेंद्र पंवार,सीटू भाई, अनुराग गुप्ता, अभिषेक तिवारी, गुरुचरण कौशल, गीता राम जायसवाल, फहीम खान,हरेंद्र बेदी आदि मौजूद थे।

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