उत्तराखंड में 24 घंटे खुलेंगे आपदा परिचालन केंद्र: डॉ धन सिंह
-विभागीय मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कार्यभार ग्रहण करते ही अधिकारियों के पेंच कसने शुरू कर दिये हैं। उन्होंने आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए शासन/प्रशासन के अधिकारियों को राज्य व जिलों के आपदा परिचालन केंद्रों को मुस्तैद रखने के निर्देश दिये हैं।
-जिलों के लिए 1077 व राज्य में 1070 टोल फ्री नम्बर जारी। 176 अर्ली वार्निंग वेदर स्टेशन भी एक्टिव रहेंगे ताकि आपदा के समय जान माल की सुरक्षा की जा सके
शब्द रथ न्यूज (ब्यूरो)। उत्तराखंड में आपदा परिचालन केन्द्र (कंट्रोल रूम) अब सप्ताह में 24 घंटे खुले रहेंगे। इसके निर्देश विभागीय मंत्री डॉ धन सिंह ने अधिकारियों को दिए हैं। उनके निर्देश पर टोल फ्री नम्बर भी जारी किए गए हैं। जनपदों के लिए 1077 व राज्य में 1070 टोल फ्री नम्बर होगा। वहीं, 176 नंबर पर अर्ली वार्निंग वेदर स्टेशनों से हर समय मौसम की जानकारी मिलेगी।
मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट कर दिया है। किसी भी आपदा से निपटने के लिए विभाग को जवाबदेह व दुरुस्त बनाने के लिए विभागीय मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कार्यभार ग्रहण करते ही अधिकारियों के पेंच कसने शुरू कर दिये हैं। उन्होंने आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए शासन/प्रशासन के अधिकारियों को राज्य व जिलों के आपदा परिचालन केंद्रों को मुस्तैद रखने के निर्देश दिये हैं।
जनमानस में प्रचारित करने के निर्देश
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग का कार्यभार ग्रहण करते हुए डॉ धन सिंह रावत ने लगातार विभाग की समीक्षा बैठकें लेने के बाद आपदा संबंधी भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि आगामी मानसून सीजन को देखते हुए राज्य आपदा परिचालन केंद्र के साथ-साथ सभी 13 जिलों के आपदा परिचालन केंद्रों को सप्ताह भर 24 घंटे खुले रखने के निर्देश दिये गये हैं। 13 जनपदों के लिए जारी टोल फ्री नम्बर 1077, राज्य स्तर पर जारी 1070 और मोबाइल नम्बर 9557444486 को जनप्रतिनिधियों के साथ ही लोगों तक विभिन्न माध्यमों से प्रचारित करने को कहा है।
आपदा में इनको किया गया है शामिल
विभागीय मंत्री ने बताया कि राज्य में वर्तमान में 15 कारकों को आपदा की श्रेणी में रखा गया है। जिसमें से 12 गृह मंत्रालय भारत सरकार व तीन राज्य सरकार की ओर से अधिसूचित की गई है। भारत सरकार की ओर से चिन्हित आपदाओं में चक्रवात, सूखा, भूकम्प, आग, त्वरित बाढ़, बादल फटना, हिमस्खलन, भू-स्खलन, कीट अक्रमण, ओलावृष्टि, सुनामी, शीत लहर/पाला, आकाशीय बिजली शामिल है। जबकि, राज्य सरकार ने आपदा की श्रेणी में आंधी-तूफान, मानव-वन्य जीव संघर्ष व वज्रपात को शामिल किया है।
एक्टिव रहेंगे 176 अर्ली वार्निंग वेदर स्टेशन
विभागीय मंत्री ने निर्देश दिये हैं कि आमजन को आपदा से बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए होर्डिंग्स, हैंडबुक, पम्पलेट, कम्युनिटी रेडियों के माध्यमों का उपयोग किया जाय। इसके साथ न्यायपंचायत स्तर पर युवक मंगल दल, महिला मंगल दल, ग्राम प्रहरी, वन प्रहरी एवं पंचायत सदस्यों को बेसिक प्रशिक्षण देकर आपदा किट उपलब्ध कराये जाने को भी विभाग को निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित 176 अर्ली वार्निंग वेदर स्टेशनों को भी एक्टिव रखा जाय ताकि समय रहते स्थानीय स्तर पर बचाव व सुरक्षा अभियान चला कर जान-माल की सुरक्षा की जा सके।