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40 सेकेंड में पता चलेगा मरीज कोरोना पॉजिटिव या नहीं, तकनीक पर भारत-इजरायल कर रहे काम

-व्यक्ति के फूंक मारने के बाद 40 सेकेंड में ही कोरोना का पता लगाने वाली जांच किट की जा रही तैयार

-किट का इस्तेमाल हवाईअड्डों और अन्य प्रमुख स्थानों पर किया जाएगा। लागत के लिहाज से होगी बहुत सस्ती

-दोनों देश कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए टीका विकसित करने पर भी करेंगे सहयोग

 

शब्द रथ न्यूज। व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है या नहीं इसका पता मात्र 40 सेकेंड में चल जाएगा। यह दावा
भारत में इजरायल के राजदूत ने किया है। कहा कि व्यक्ति के फूंक मारने के बाद 40 सेकेंड में ही कोरोना का पता लगाने वाली जांच किट बनाई जा रही है। बस कुछ ही दिन में यह तैयार को जाएगी। मिनट के अंदर परिणाम देने वाली इस जांच किट को भारत और इजरायल संयुक्त रूप से विकसित कर रहे हैं।

इजरायल के राजदूत रॉन मल्का ने एक इंटरव्यू में कहा कि कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए इस त्वरित जांच प्रौद्योगिकी के तहत व्यक्ति को एक ट्यूब में फूंक मारनी होगी। 30 से 50 सेकेंड में ही इसके परिणाम आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि त्वरित जांच किट परियोजना अंतिम चरण में है। अब इसमें दो-तीन हफ्ते से ज्यादा समय नहीं लगेगा। मल्का ने कहा कि भारत इस त्वरित जांच किट के लिए विनिर्माण केंद्र बने। दोनों देश कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए टीका विकसित करने पर भी सहयोग करेंगे।

राजदूत ने अपने हजारों नागरिकों को स्वदेश भेजने में की गई मदद के लिए भारतीय अधिकारियों का सा आभार जताया। मल्का ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में इजरायल आयुष्मान भारत के सीईओ इंदु भूषण के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

भारत इजरायल का ‘खुला आसमान’

राजदूत ने कहा कि नई त्वरित जांच किट निर्णायक है। यह शानदार उदाहरण है कि भारत और इजरायल के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में कितना सार्थक सहयोग हो सकता है। अभियान को ‘खुला आसमान’ नाम दिया गया है। किट का इस्तेमाल हवाईअड्डों और अन्य प्रमुख स्थानों पर किया जाएगा। यह लागत के लिहाज से भी बहुत सस्ती होगी।

भारत में बड़ी संख्या में लिए गए नमूने

राजदूत ने बताया कि भारतीय और इजरायली अनुसंधानकर्ताओं ने चार विभिन्न प्रकार की प्रौद्योगिकी के लिए भारत में बड़ी संख्या में नमूने एकत्र करने के बाद परीक्षण किए हैं। इनमें सांस की जांच करना और आवाज की जांच करना भी शामिल है, जिसमें कोविड-19 का त्वरित पता लगाने की क्षमता है। इनके अलावा आइसो थर्मल जांच भी है, जिसके जरिये लार के नमूने में कोरोना की मौजूदगी की पहचान की जा सकती है। वहीं, पोली-अमीनो एसिड आधारित एक और जांच है, जो कोविड-19 से संबद्ध प्रोटीन को अलग-थलग करती है।

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