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कौन रोक रहा दुष्कर्म के आरोपी विधायक की गिरफ्तारी, पीड़िता के बयान भी दर्ज

देहरादून। दुष्कर्म के आरोपी को मुकदमा दर्ज होते ही गिरफ्तार करने का प्रावधान है। थाना पटेलनगर पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी युवक व गर्भपात की आरोपी युवती को मुकदमा दर्ज होने के दो दिन में गिरफ्तार कर लिया। 19 सितंबर को मुकदमा दर्ज हुआ और 21 सितंबर को गिरफ्तारी हो गई…तो दुष्कर्म के आरोपी विधायक महेश नेगी और उनकी पत्नी को मुकदमा दर्ज होने के लंबे समय बाद भी पुलिस गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है? नेगी व उनकी पत्नी के खिलाफ 5 सितंबर को मुकदमा दर्ज हो गया था, 17 दिन बाद भी उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई। आज तो पीड़िता के 164 में बयान भी दर्ज हो चुके हैं। तो आखिर कौन रुकवा रहा है आरोपी विधायक की गिरफ्तारी?
विधायक नेगी के मामले में जिस तरह जांच और कार्रवाई हो रही है उस पर सवाल उठने लगे हैं। पहले पुलिस ने पीड़िता की एफआईआर ही दर्ज नहीं की। कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई। लेकिन, 17 दिन का लंबा समय बीतने पर भी विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। पीड़िता खुद पर दवाब बनाने का आरोप लगा रही है। पीड़िता का कहना है कि मामले में उसे ही आरोपी बनाने का कुचक्र रचा गया। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि उत्तराखंड में दुष्कर्म के आरोपियों के लिए क्या अलग अलग कानून हैं। दुष्कर्म के सामान्य आरोपी को दो दिन में गिरफ्तार किया गया और विधायक को लंबे समय बाद भी गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।

पीड़िता ने दर्ज कराए 164 के बयान

महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती ने मंगलवार को न्यायाधीश के सामने 164 के बयान दर्ज करवाए हैं। बयान दर्ज करने में 3 घंटे का समय लगा। जांच अधिकारी व पीड़िता के वकील की मौजूदगी में बयान दर्ज किए गए।

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