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साढ़े तीन साल के मासूम को पिता ने नहर में डुबोकर मार डाला

-तारिक ने तंगी के चलते अपने पुत्र शावान को मारने की योजना बना ली। वह शावान को बाइक पर बैठाकर अपने पुश्तैनी गांव ढकिया ले गया। वहां उसने अपने खेत के निकट बह रही नहर में शावान की डुबोकर हत्या कर दी।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। बेटे की बीमारी से परेशान होकर तारिक ने अपने तीन वर्षीय बेटे शवान की हत्या कर दी। शावान हीमोफीलिया से पीड़ित था। बीमारी पर खर्चा होने से परेशान होकर तारिक ने बेटे की हत्या की। मामला पुलिस ने जाने पर तारिक ने अपना जुर्म कबूल किया।

बरेली के सिरौली निवासी तारिक ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि साढ़े तीन वर्षीय शावान जन्म से हीमोफीलिया बीमारी से पीड़ित था। उसके पास पैतृक संपति के नाम पर ग्राम ढ़किया थाना बहेड़ी बरेली (यूपी) में एक बीघा कृषि भूमि व उसका एक ट्रक है। लेकिन, शावान के इलाज कराने में उसकी कुछ जमीन बिक गई व ट्रक की किस्तें भी टूट गई थीं। शावान के इलाज में लगातार पैसा खर्च हो रहा था। दूसरी तरफ, ट्रक की 22 हजार रुपये मासिक की चार किस्तें टूटने के कारण उसके ऊपर कर्जा बढ़ रहा था। शावान की बीमारी के चलते उसने अपनी पत्नी आयशा के लाखों रुपये के जेवर भी बेच दिए थे। लेकिन, शावान की बीमारी ठीक नहीं हो रही थी।

शावान का इलाज हल्द्वानी में चिकित्सक के पास चल रहा था। तारिक के ऊपर शावान के उपचार का दबाव बढ़ता जा रहा था। चिकित्सक ने शावान के कुछ टेस्ट लिखे थे और उसे दिल्ली जाकर उपचार कराने के लिए कहा था। जिनके लिए बहुत पैसों की आवश्यकता थी, तारिक आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। तारिक ने तंगी के चलते अपने पुत्र शावान को ही मारने की योजना बना ली। वह शावान को बाइक पर बैठाकर अपने पुश्तैनी गांव ढकिया ले गया। वहां उसने अपने खेत के निकट बह रही नहर में शावान की डुबोकर हत्या कर दी।

मंगलवार सुबह तारिक अपने पुत्र शावान को बाइक पर बैठा कर ले गया। इसके बाद वह बहेड़ी ट्रांसपोर्टर के यहां गया व कुछ पेमेंट लेने के बाद वापस घर आ गया। घर पहुंचने पर जब उसकी पत्नी आयशा ने शावान के बारे में पूछा तो टालते हुए कहा कि वह शावान को घर के दरवाजे पर छोड़ गया था।शावान के लापता होने की बात जब पड़ोसियों को पता चली सब ढूंढ़ने निकल पड़े। तारिक भी सबके साथ शावान को ढूढ़ने लगा। शाम तक जब शावान नहीं मिला तो पड़ोसियों ने तारिक से कहा कि उन्हें पुलिस की मदद लेनी चाहिए। पड़ोसियों ने बताया कि तारिक फिर भी टालता रहा, लेकिन पड़ोसियों के दबाव के आगे तारिक मंगलवार शाम पुलभट्टा पुलिस पहुंचा व थाना इंचार्ज राजेश पांडे को शावान की गुमशुदगी की तहरीर दी।

पुलिस ने तारिक की तहरीर पर शावान की गुमशुदगी दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने तारिक की रिश्तेदारी व क्षेत्र में तलाश करने के बाद तारिक के घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगलना शुरू किया। पुलिस को हाईवे पर स्थित होटल में लगे कैमरे में तारिक, शावान को मोटर साइकिल पर बैठाकर ले जाता हुआ दिखाई दिया। इसके बाद वह किच्छा-बहेड़ी रोड स्थित टोल पर लगे कैमरे में बहेड़ी से अकेले आता हुआ दिखाई दिया। पुलिस ने तारिक से जानकारी मांगी तो वह संतोषजनक जवाब देने में असमर्थ दिखाई दिया।

पुलभट्टा पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज व तारिक के बयानों में अंतर के बाद पुलिस को शक हुआ। बताया जा रहा है कि पुलिस को दिए बयानों से दुखी होकर तारिक ने मंगलवार रात अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। जिसके बाद पुलिस का शक पुख्ता होने लगा। बुधवार सुबह पुलिस ने तारिक से दोबारा संपर्क किया। दोपहर में शावान की हत्या की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने तारिक से सख्ती दिखानी शुरू की। जिसके बाद तारिक टूट गया व पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

जानकारी के अभाव में कर दी की हत्या

तारिक ने जानकारी के अभाव में पुत्र की हत्या कर दी। तारिक दूसरे शहरों में जाकर निजी चिकित्सकों से इलाज कराता रहा है। जिसमें उसकी क्षमता से अधिक रुपये खर्च हो गए। लेकिन, उसने एक बार भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर फ्री इलाज की जानकारी नहीं ली। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एचसी त्रिपाठी ने बताया कि सीएचसी में हीमोफीलिया का उपचार मुफ्त किया जाता है। यदि बीमारी अधिक हो तो उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। उनके यहां तीन-चार हीमोफीलिया के मरीज अपना इलाज करा रहे हैं। यदि तारिक उनके पास आता तो वह शावान का उपचार फ्री कर सकते थे।

क्या होता है हीमोफीलिया

हीमोफीलिया ऐसी बीमारी है कि जिसमें मानव के खून में कमी आ जाती है और उसे रक्तस्राव होने लगता है। शरीर में कहीं भी चोट लग जाए तो उससे बहने वाला खून बंद नहीं होता है, क्योंकि खून का थक्का नहीं जमता। शरीर में खून जमने की एक प्रक्रिया होती है। इसमें फैक्टर काम करते है। यदि खून में फैक्टर नहीं होते है तो रक्तस्राव होने लगता है। फैक्टर देने के बाद हीमोफीलिया का उपचार संभव है। पुलिस की पूछताछ में तारिक ने बताया कि शावान के अक्सर कान से खून आता था। जिसकी वजह से वह परेशान था।

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