सचिव दिलीप जावलकर संस्कृति निदेशक बीना भट्ट को कर रहे थे परेशान, अजीज आकर भट्ट ने फोड़ा भांडा
–जावलकर ने ढाई साल तक बीना भट्ट के प्रमोशन की फाइल रोकी, कोर्ट के आदेश पर जब प्रमोशन हुआ तो 10 बाद की संस्कृति विभाग में महानिदेशक का पद सृजित किया, विभाग की कमान महानिदेशक को सौंपी। चहेतों को ठेका दिलाने का बनाते थे दवाब, करते थे अपमानित
देहरादून (dehradun)। संस्कृति सचिव दिलीप जावलकर (secretary Dilip jawalkar) अपनी माहतत महिला अधिकारी संस्कृति निदेशक बीना भट्ट (director Beena Bhatt) को परेशान करते रहे। सचिव अधिकारी पर अपनी पसंद के लोगों को ठेका देना का दवाब बनाते रहे। सचिव की बात न मानने पर उन्होंने महिला अधिकारी को सबके सामने अयोग्यता के ताने कसे, इतना ही नहीं महिला अधिकारी पर चारित्रिक टिप्पणी तक करते रहे। जावलकर की प्रताड़ना से अजीज आकर बीना भट्ट ने आखिरकार उनका भांडा फोड़ दिया। भट्ट ने अपर मुख्य सचिव (कार्मिक) राधा रतूड़ी (Apar chief secretary Radha Raturi) को चार पेज का पत्र लिखा है, जिसमें जावलकर के कारनामों को उजागर किया गया है। रतूड़ी ने मामले का संज्ञान लेते हुए आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं।
बीना भट्ट ने आरोप लगाया है कि सचिव दिलीप जावलकर ठेकेदार राजेश रावत (contractor Rajesh Rawat) व एक एनजीओ को ठेका दिलाने के लिए उन पर दवाब डालते रहे। राजेश रावत के जरिए बीना भट्ट को धमकी तक दी गई। आरोप है कि सचिव ने दवाब बनाकर राजेश रावत को हरिद्वार में हर की पैड़ी पर काम का ठेका दिलवाया। लेकिन, ठेका मिलने के बाद राजेश रावत ने सामान की आपूर्ति नहीं की।
नौकरी से निकालने तक की दी गई धमकी
ऋषिकेश में आस्था पथ का ठेका राजेश को नहीं मिला तो बीना भट्ट का मानसिक उत्पीड़न किया गया। राजेश रावत के अलावा एक महिला को भी काम दिलवाने जवाब सचिव बनाते रहे। हद देखिए संस्कृति निदेशक को नौकरी से निकालने की धमकी तक दी जाती रही। सचिव के साथ ही तत्कालीन अपर सचिव व महानिदेशक आनंद स्वरूप (DG Anand swarup) पर भी प्रताड़ित करने का आरोप है।
बौखलाए सचिव ने सृजित किया महानिदेशक का पद
संस्कृति निदेशक ने कहा कि संस्कृति सचिव दिलीप जावलकर ने उनके प्रमोशन की फ़ाइल की ढाई साल तक दबा कर रखा। इस पर उन्हें हाई कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। कोर्ट के आदेश के बाद सात सितम्बर 2020 को उनका प्रमोशन हुआ। जावलकर ने 10 दिन बाद ही 18 सितम्बर को संस्कृति विभाग में महानिदेशक का पद सृजित कर दिया और आनंद स्वरूप को महानिदेशक बनाकर विभाग की कमान उन्हें सौंप दी।