दशहरे में दशमुख हारा.. दिवाली में चीन हराना है.. मैंने मन में ठाना है!
तारा पाठक
कवियत्री, समाज सेविका
कुलावा, मुंबई, महाराष्ट्र
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मेरे संकल्प
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मैंने मन मैं ठाना है,
चीन को हर स्तर पर हराना है।
तुम सीमा पर सजग बने रहो
मैंने देश वासियों को जगाना है।
झिलमिल झालरें छोड़ चीन की
माटी का दिया जलाना है।
मैंने मन में ठाना है।
मेरे भारत महान की गाथा
ग्रंथों ने भी गाई है।
इस पावन माटी के कण-कण में
अजब शूरता समाई है
दशहरे में दशमुख हारा
दिवाली में चीन हराना है।
मैंने मन में ठाना है।
सफल रहे गर इस दिवाली
करके चीन का बहिष्कार।
फागोत्सव में भी बरसाएगी
देशी पिचकारी रंगों की फुहार
स्वदेशी स्वनिर्मित वस्तुऐं
हम अपनाएंगे हर त्योहार।
बना चीन को आर्थिक शिथिल
स्वजन को समर्थ बनाना है।
मैंने मन में ठाना है।
कवि परिचय
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नाम- तारा पाठक
जन्मतिथि– 4 अगस्त 1966
पिता– स्व श्री मथुरा दत्त जोशी
माता-स्व श्रीमती वैजयन्ती जोशी
पति-श्री केबी पाठक (पूर्व नौसैनिक)
शिक्षा- इंटरमीडिएट
साहित्यिक कृतियां– कुमाउनी काव्य संग्रह (प्रकाशनाधीन)
बाल कविता संग्रह (हिंदी)प्रकाशनाधीन
शकुनाखर संकलित।
रचनात्मक गतिविधि– कुमगढ़, पहरू कुमाउनी मासिक पत्रिका में निरंतर लेखन। बाल प्रहरी, साक्षरता आशल कुशल, पर्वत प्रेरणा एवं अरुणोदय स्मारिका में प्रकाशित रचनाऐं। आदिल कुशलि कुमाउनी मासिक पत्रिका में (शकुनाखर नामक स्तंभ)
संस्थापक- मेरि भाषा मेरि पछ्याण समिति हल्द्वानी।
आमा कोचिंग सेंटर की स्थापना व स्थानीय बच्चों के लिए निःशुल्क कुमाउनी भाषा की ग्रीष्मकालीन नियमित कक्षाएं।
श्री पारसराज बोहरा द्वारा निर्मित valley of birds under threat (nature documentary film) का कुमाउनी भाषा में अनुवाद।
काव्यपाठ– कुमाऊ मंडल में विभिन्न मंचों से एवं आकाशवाणी अल्मोड़ा, कुमाऊ वाणी मुक्तेश्वर व हैलो हल्द्वानी 91,2FM रेडियो। अल्मोड़ा पुलिस के जनजागरूकता अभियान में विभिन्न विषयों पर रचना प्रस्तुतीकरण।
सम्मान/पुरस्कार- ऑल इंडिया वूमन कॉन्फरेंस द्वारा कुमाउनी कवियत्री का सम्मान, ह्यूमन राइट्स ऐंड ऐंटी करप्सन द्वारा कर्मठ महिला सम्मान, पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच हल्द्वानी द्वारा सम्मान। पहरू पत्रिका द्वारा व्यंग्य लेखन प्रतियोगिता एवं संसमरण लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार।
स्थायी निवास-कुसुमखेड़ा हल्द्वानी
हाल निवास-कुलाबा मुंबई।