Thu. Nov 21st, 2024

छोटी दीपावली और धनतेरस एक ही दिन, 13 नवम्बर शुक्रवार से शुरू होगा दीपावली का पावन पर्व

पावन दीपावली का पांच द‍िवसीय पर्व शुरू होने वाला है। पर्व शुरू होगा धनतेरस से और सम्पूर्ण होगा भाई दूज से। हालांकि, इस बार यह पर्व चार दिवसीय ही है, जो 13 नवंबर शुक्रवार यानी कल से शुरू होगा। इस बार नक्षत्र का संयोग कुछ ऐसा है कि धनतेरस और छोटी दीपावली एक ही दिन है, इसलिए पर्व इस बार चार दिन का है।

कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है धनतेरस

धनतेरस (Dhanteras 2020) का त्योहार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस बार त्रयोदशी 12 नवंबर रात 9:30 बजे से अगले दिन 13 नवंबर को शाम 5:59 तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि आरम्भ हो जाएगी। इसलिए 13 नवंबर को शाम 5:59 से पहले धनतेरस मनाया जाएगा और 13 नवंबर को शाम 5:59 के बाद छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी शुरू हो जाएगी।

धनतेरस पर खरीदारी का विशेष महत्व

धनतेरस के द‍िन खरीदारी का भी बड़ा महत्व है। इस दिन पीतल के बर्तन, चांदी, सोना जैसी चीजों की खरीदी की जाती है। मान्‍यता है क‍ि इस द‍िन खरीदी गई चीजों में 13 गुणा वृद्धि होती है। वहीं, इस बार तो धनतेरस का द‍िन बेहद खास है।

मां लक्ष्‍मी के प्र‍िय द‍िन शुक्रवार को ये व‍िशेष योग

शुक्रवार का द‍िन मां लक्ष्‍मी को अत्‍यंत प्र‍िय होता है। इस बार धनतेरस के द‍िन देवी लक्ष्‍मी का प्र‍िय द‍िन यानी क‍ि शुक्रवार तो है ही। साथ ही इस बार कुछ व‍िशेष योग भी हैं। इस बार धनतेरस के द‍िन चित्रा नक्षत्र, आयुष्मान योग तथा तुला राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। ऐसे में धनतेरस के द‍िन आयुष्मान योग की साक्षी में धनवंतर‍ि का पूजन आरोग्यता प्रदान करने वाला माना गया है। इसके अलावा इस बार धनतेरस पर मृदु व मित्र संज्ञक नक्षत्र भी मौजूद रहेगा। इस नक्षत्र में सोना, चांदी, पात्र आदि की खरीदारी करना भी शुभ रहेगा।

आरोग्य से जुड़ा है धनतेरस

धनतेरस का पर्व धन और आरोग्य से जुड़ा हुआ है। धन के लिए इस दिन कुबेर की पूजा की जाती है और आरोग्य के लिए धनवन्तरि की पूजा की जाती है। इस दिन मूल्यवान धातुओं, नए बर्तनों और आभूषणों की खरीदारी का विधान होता है। धनतेरस पर कुछ सावधानियां (Dhanteras mistakes) बरतनी भी जरूरी हैं।

कुबेर के साथ माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की करें पूजा

धनतेरस पर सिर्फ कुबेर की पूजा नहीं करनी चाहिए। बल्कि, कुबेर के साथ माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की भी उपासना करनी चाहिए।

घर में कबाड़ न रखें

दीपावाली से पहले लोग घर के कोने-कोने की सफाई करते हैं, लेकिन धनतेरस के दिन यदि घर में कूड़ा-कबाड़ या खराब सामान पड़ा हुआ है तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होगा। धनतेरस से पहले ही ऐसा सामान बाहर निकाल दें।

मुख्य द्वार पर न हो गंदगी

घर के मुख्य द्वार या मुख्य कक्ष के सामने तो बेकार वस्तुएं बिल्कुल भी नहीं रखनी चाहिए। मुख्य द्वार को नए अवसरों से जोड़कर देखा जाता है। माना जाता है कि घर के मुख्य द्वार के जरिए घर में लक्ष्मी का आगमन होता है इसलिए ये स्थान हमेशा साफ-सुथरा ही रहना चाहिए।

सोने, चांदी या मिट्टी की मूर्ति की करें पूजा

मान्यता है कि नकली धातु से बनी मूर्तियों की पूजा नहीं करनी चाहिए। इसलिए सोने, चांदी या मिट्टी की बनी हुई मां लक्ष्मी की मूर्ति की पूजा करें। स्वास्तिक और ऊं जैसे प्रतीकों को कुमकुम, हल्दी या किसी शुभ चीज से बनाएं। नकली प्रतीकों को घर में न लाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *