राजकीय प्राथमिक विद्यालय बांध विस्थापित टी-स्टेट बंजारावाला देहरादून में में बच्चों से मजदूरी कराने की यह शर्मनाक घटना सोमवार (6 अक्टूबर 2025) दोपहर लगभग 12.30 बजे से 2.30 बजे की है। दोपहर 1.15 बजे वरिष्ठ पत्रकार वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ” अचानक ही अपने घर की छत पर गए थे। उन्होंने देखा कि घर के सामने सड़क पर बच्चे रोड़ी ढोकर विद्यालय में ले जा रहे हैं। थोड़ी देर यह नजारा देखने के बाद उन्होंने इसका वीडियो बना लिया। लगभग आधे घंटे बाद उन्होंने यह वीडियो अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर कर दिया। वीडियो एकदम से वायरल हो गया। वीडियो वायरल होते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। पहले वीडियो को झूठा साबित करने की कोशिश की गई। लेकिन, जब जांच में आया कि वीडियो वरिष्ठ पत्रकार ने शेयर किया है तो मामले को गंभीरता से लिया गया।

स्कूल में मजदूरी कराने की बात शिक्षा सचिव रविनाथ रमन तक पहुंची तो उन्होंने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक प्रेम लाल भारती ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हेमलता गौड़ का जवाब तलब करते हुए मामले की रिपोर्ट मांगी। जांच में मामला सही पाए जाने पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने प्रभारी प्रधानाध्यापिका अंजू मैनादुली के निलंबन की संस्तुति कर दी। इस तरह वीडियो वायरल होने के लगभग दो-ढाई घंटे के अंदर विभाग ने निलंबन की कार्रवाई कर दी।

किसी भी विद्यालय में इस तरह की घटना नहीं की जाएगी बर्दाश्त : प्रेमलाल भारती
जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) प्रेमलाल भारती ने निलंबन के आदेश जारी किए। उन्होंने बताया, खंड शिक्षा अधिकारी रायपुर प्रेमलता गौड़ मामले की जांच सौंपी गई है। साथ ही स्कूल की प्रधानाध्यापिका अंजू मैनादुली को तत्काल निलंबित करने के आदेश कर दिए। वीडियो में करीब आठ बच्चे दिख रहे हैं, जो रोड़ी से भरे तसले सिर पर उठाकर स्कूल की ओर जाते हुए दिख रहे हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापिका अंजू मैनादुली पर निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की धारा-13 का उल्लंघन करने के तहत कार्रवाई की गई है। कहा, किसी भी विद्यालय में इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कुछ दिन पहले ही कार धोते बच्चों का वीडियो हुआ था वायरल
कुछ दिनों पहले ही चमोली जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जूनीधार में छात्रों की ओर से शिक्षक की कार धोने का वीडियो भी वायरल हुआ था। इस पर विभाग ने कार्रवाई करे हुए अपनी कार धुलवाने वाले सहायक अध्यापक घनश्याम तिवाड़ी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

विद्यालय में छात्रों की संख्या करीब 200 है। सोमवार को दो शिक्षक भी छुट्टी पर थे। डाक का काम भी था, ऐसे में दोपहर के समय छात्र बिना बताए विद्यालय में हुए गड्ढों को भरने के लिए बजरी लेने पहुंच गए। जैसे ही मुझे पता चला बच्चे बजरी भरकर ला रहे हैं, मैंने उन्हें वापस विद्यालय बुलाया। रही बात फावड़ा और तसला कहां से आया तो बगल में ही कुछ मजदूर काम कर रहे थे। बच्चों ने उनसे यह लेकर यह काम किया।
– अंजू मैनादुली, प्रभारी प्रधानाध्यापिका (निलंबित)

राजकीय प्राथमिक विद्यालय बांध विस्थापित टी-एस्टेट बंजारावाला देहरादून में 6 अक्टूबर 2025 को बच्चों में मजदूरी करवाई गई। इसका मैं गवाह हूं। बच्चे स्कूल परिसर के बाहर सड़क से रोड़ी भरकर स्कूल में ले जा रहे थे। बच्चों ने लगभग डेढ़ से दो घंटे काम किया। स्कूल में किसी तरह का कोई गड्ढ़ा नहीं था। बल्कि, बच्चों से स्कूल परिसर में एक जगह इस रोड़ी का ढेर लगाकर जमा करवाया गया। क्या प्रधानाध्यापिका को इस रोड़ी की अपने घर में जरूरत थी, इसलिए ढेर लगवाया गया। लेकिन, इससे पहले ही मामला खुल गया। दूसरा पहलू यह भी है कि बाहर सड़क में पड़ी यह रोड़ी विद्यालय की नहीं थी। बल्कि, एक ठेकेदार की थी। यह जांच में आएगा। इसमें दो मामले बनते हैं। आरोपी ने सिर्फ बालश्रम ही नहीं करवाया। बल्कि, बच्चों से दूसरे की सामग्री चोरी भी करवाई। वहीं, आरोपित प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने मीडिया को गड्ढे भरवाने की कहानी सुनाई है। वह पूरी तरह से झूठी व काल्पनिक है। विद्यालय में सोमवार 6 अक्टूबर तक कोई गड्ढा था ही नहीं। यह पूरा मामला बालश्रम और बच्चों से चोरी करवाने का है। इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जो प्रदेश ही नहीं देशभर के लिए एक नजीर बने।
वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ”
वरिष्ठ पत्रकार व मामले का गवाह