उत्तराखंड में महिला हेल्प लाइन अब बन जाएंगे रिसेप्शन रूम, डीजीपी ने दिए आदेश
-डीजीपी अशोक कुमार ने सभी जनपद प्रभारियों को प्रत्येक थाने पर गठित महिला हेल्प डेस्क को रिसेप्शन सेंटर के रूप में जिम्मेदारी देने के दिए निर्देश
देहरादून (Dehradun)। डीजीपी अशोक कुमार (dgp Ashok Kumar) ने पुलिस थाना-चौकियों में व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी है। पुलिस थानों में स्थापित महिला हेल्प लाइन अब रिसेप्शन सेन्टर के रूप में काम करेंगी। शिकायत के लिए थाने ने पहुंचे पीड़ित को महिला पुलिस कर्मी अटेंड करेंगी, उसकी शिकायत (प्रार्थना पत्र) रिसीव कर रिसीविंग भी देंगी। डीजीपी अशोक कुमार ने सभी जनपद प्रभारियों को प्रत्येक थाने पर गठित महिला हेल्प डेस्क को उक्त जिम्मेदारी देने के निर्देश दिए हैं।
महिला हेल्प लाइन यानी रिसेप्शन रूम
महिला हेल्प लाइन में रिसेप्शन रूम के हिसाब से आगुन्तक/शिकायतकर्ता/पीड़ित के लिए बैठने के लिए व्यवस्था होगी। महिला हेल्प लाइन में नियुक्त कर्मचारी सरल स्वभाव वाले होंगे। वह पीड़ित व दिव्यांगजन के प्रति संवेदनशील व्यवहार करेंगे। यदि कोई पीड़ित/शिकायतकर्ता अपने साथ लिखित प्रार्थना पत्र नहीं लाया है, थाने ने उन्हें स्टेशनरी उपलब्ध कराई जाएगी।
रजिस्टर के दर्ज होंगी रोज की शिकायत, अधिकारी करेंगे चेक
महिला हेल्प लाइन में नियुक्त कर्मचारी प्रतिदिन मिलने वाले शिकायती प्रार्थना पत्र व सूचनाओं को रजिस्टर नोट करेंगे। इस रजिस्टर में दर्ज शिकायतों को थाना प्रभारी प्रतिदिन चेक करेंगे। सीओ 15 दिन में, एसपी 30 दिन और एसएसपी प्रत्येक तीन महीने या आकस्मिक रूप से चेक करेंगे।
लापरवाही पर होगी कार्रवाई
हेल्प डेस्क कर्मचारी, जांचकर्ता अधिकारी व थाना प्रभारी के अपने काम में लापरवाही बरतने पर एसएसपी उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करेंगे। डीजीपी ने कहा कि थाना चौकियों में व्यवस्थाओं में किसी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए। एसएसपी इसकी जवाबदेही तय करेंगे।