मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर बढ़ाई गई आपदा प्रभावितों को सहायता राशि
– पुननिर्माण व राहत कार्यों की मानिटरिंग के लिये हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावितों को विभिन्न मदों में दी जा रही सहायता राशि को बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के मानकों में सम्भव न होने पर अतिरिक्त राशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री राहतकोष से की जाए। मुख्यमंत्री ने पुनर्निर्माण व राहत कार्यों की मानिटरिंग के लिये भी हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों को यथासंभव सहायता दी जाए। साथ ही सहायता राशि पाने में लोगों को अनावश्यक परेशान न होना पड़े। जरूरतमंदों को हर सम्भव मदद सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रभावित परिवारों को कपड़े, बर्तन व घरेलू सामान के लिए दी जाने वाली अहेतुक सहायता राशि को 3800 रुपये से बढाकर 5000 रुपये किए जाने का निर्णय लिया गया। पूर्ण क्षतिग्रस्त मकान के लिये सहायता राशि मैदानी क्षेत्रों में 95 हजार रुपये प्रति भवन और पहाङी क्षेत्रों में 1लाख 1 हजार 900 रूपपये प्रति भवन दी जा रही है। उसे भी बढ़ाया गया है। अब मैदानी व पर्वतीय दोनों क्षेत्रों में बढाकर एक लाख 50 हजार रुपये प्रति भवन किया गया है। आंशिक क्षतिग्रस्त (पक्का) भवन के लिए सहायता राशि 5200 रुपये प्रति भवन से बढाकर 7500 रूपये प्रति भवन व आंशिक क्षतिग्रस्त (कच्चा) भवन के लिए सहायता राशि 3200 रुपये प्रति भवन से बढाकर 5000 रुपये प्रति भवन किया गया है।
भूमि क्षति के लिए राहत राशि न्यूनतम एक हजार रुपये अनुमन्य की जाएगी अर्थात भूमि क्षति पर राहत राशि, कम से कम एक हजार रुपये तो दी ही जाएगी। घर के आगे या पीछे का आंगन व दीवार क्षतिग्रस्त होने को भी आंशिक क्षतिग्रस्त में लिया जाएगा। पहले इस पर सहायता नहीं दी जाती थी। जिन आवासीय कालोनियों में बिजली के बिल बाहर लगे थे, 18 व 19 अक्तूबर को आयी प्राकृतिक आपदा में खराब हो गये हैं, ऊर्जा विभाग इन खराब बिजली के मीटरों को निशुल्क बदलेगा।
राज्य आपदा मोचन निधि मानकों से अनुमन्य की गयी अधिक धनराशि का भुगतान मुख्यमंत्री राहतकोष से वहन किया जाएगा। इसी प्रकार क्षतिग्रस्त भवनों के प्रकरणों में यदि भवन एसडीआरएफ के मानकों की परिधि से बाहर है तो ऐसे प्रकरणों पर सहायता मुख्यमंत्री राहतकोष से दी जाएगी।
जीएसटी के दायरे से बाहर के छोटे व्यापारियों को दुकान में पानी भर जाने आदि से नुकसान होने पर 5 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। एसडीआरएफ के मानकों में कवर न होने पर की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 नवम्बर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करना है। उन्होंने दोनों मंडलायुक्तों को इसकी लगातार मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, आनंद बर्द्धन, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव अमित नेगी, आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, एसए मुरूगेशन, डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, आयुक्त कुमाऊँ सुशील कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।