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युवा कवि धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ की गढ़वाली कविता.. दिल्ली बम्बई वाला किलै? उत्तराखंड मा लेणा ज़मीन…

धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’
अल्मोड़ा, उत्तराखंड
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पटवारी जी, हे अमीन,
करा त जरा ईं छाण-बीन
दिल्ली बम्बई वाला किलै?
उत्तराखंड मा लेणा ज़मीन।१।

पटवारी जी, हे अमीन
करा त जरा ईं छाण-बीन।।

नदी जंगल पहाड़ पाखा,
दलालों न मारया डाका
कैन बीस नाली अगेंटी ,
कैन खैंची बीघा तीन।२।

दिल्ली बम्बई वाला किलै?
उत्तराखंड मा लेणा ज़मीन।

कुछ खरीदणा लालच मा
कुछ व्यापार की हालत मा
कुछ न कुंडली मारी याली
कुछन लेण गरीबू की छीन।३।

दिल्ली बम्बई वाला किलै?
उत्तराखंड मा लैणा ज़मीन।

उंड फंड का चुल्हा फंड,
चुल्हा फंड का उंड फंड
मूल निवासी बण्या प्रवासी
प्रवासी ह्वै यख आसीन।४।

दिल्ली बम्बई वाला किलै?
उत्तराखंड मा लैणा ज़मीन।

घाटी बुग्याल लूछी याली,
गंगा किनारा डेरा डाली।
झील झरना कब्जा त्युकां
फार्म हाउस का त्यु शौक़ीन।५।

दिल्ली बम्बई वाला किलै?
उत्तराखंड मा लैणा ज़मीन।

बणू बणू का डाला झांगी,
धरती करयाली हमारी नांगी,
प्रजा यख की सुनिंद पड़ीं,
राजा बजौणा अपणी बीन।६।

दिल्ली बम्बई वाला किलै?
उत्तराखंड मा लैणा ज़मीन।

पहाड़ कू पाणी पहाड़ ज्वानी
ठंडी मीठी स्वाणी स्वाणी,
आधा पलायन की भेंट चढ़ी,
आधा दारू मासू मा लीन।७।

दिल्ली बम्बई वाला किलै?
उत्तराखंड मा लैणा ज़मीन।

हे मोदी जी, हे धामी जी,
देश प्रदेश का स्वामी जी।
ये भू कानून बणौण मा
बस आप दूया ही छै प्रवीन।८।

दिल्ली बम्बई वाला किलै?
उत्तराखंड मा लैणा ज़मीन।

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